Begusarai News : बेगूसराय में अपराधियों के बढ़ते हौसले एक बार फिर कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं। हालात ऐसे हो चुके हैं कि अब अपराधियों को न तो पुलिस का भय रहा और न ही कानून का। ताजा मामला मंझौल थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां एक युवक ने फेसबुक लाइव आकर न सिर्फ आम पुलिसकर्मियों, बल्कि जिले के पुलिस कप्तान (एसपी) तक को भी खुलेआम गालियां दीं।
करीब 1 मिनट 59 सेकेंड के वायरल वीडियो में युवक लगातार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करता दिख रहा है। वीडियो में वह मंझौल थाना के थानाध्यक्ष से लेकर डीएसपी और एसपी तक पर पैसे लेने और झूठे केस में फंसाने के गंभीर आरोप लगाता नजर आ रहा है। बताया जा रहा है कि युवक ने वीडियो के दौरान करीब 35 बार गालियों का प्रयोग किया।
शख्स की पहचान मंझौल पंचायत-3 की मुखिया पूनम देवी के बेटे दीपक कुमार उर्फ दीपक सहनी के रूप में हुई है। दीपक ने दावा किया कि उसने पुलिस अधिकारियों को 2 से 4 लाख रुपये तक दिए हैं, बावजूद इसके उसे साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। उसने यह भी कहा कि वह कोई गलत काम नहीं करता, लेकिन पुलिस जानबूझकर उसे परेशान कर रही है।
दरअसल, पूरा मामला 7 सितंबर से जुड़ा बताया जा रहा है। उस दिन मंझौल थाना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर खन्ना टोला से पूरब बजराहा टोला स्थित खजुरबन्नी में छापेमारी की थी। वहां बड़े पैमाने पर देसी शराब का निर्माण हो रहा था। छापेमारी के दौरान कई लोग भागने लगे, हालांकि पुलिस ने दो लोगों को मौके से पकड़ लिया। पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि देसी शराब का यह रैकेट दीपक कुमार उर्फ दीपक सहनी द्वारा संचालित किया जा रहा था और उसी के संरक्षण में शराब का निर्माण व बिक्री होती थी।
इसके बाद से पुलिस दीपक की तलाश में जुटी थी। गिरफ्तारी का दबाव बढ़ने पर दीपक ने फेसबुक पर लाइव आकर पुलिस के खिलाफ जमकर गाली-गलौज की। वीडियो के वायरल होते ही पुलिस हरकत में आई और उसकी तलाश तेज कर दी।
पुलिस को सूचना मिली कि दीपक बूढ़ी गंडक नदी के बांध पर बैठा हुआ है और किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस को देखकर दीपक भागने लगा, लेकिन खदेड़ कर उसे पकड़ लिया गया। तलाशी के दौरान उसके पास से 6.04 ग्राम स्मैक बरामद की गई। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
एक ओर जहां बिहार के नए उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री अपराधियों को ‘मिट्टी में मिला देने’ का दावा कर रहे हैं, वहीं बेगूसराय की यह घटना साफ दिखाती है कि अपराधियों के भीतर से पुलिस का डर लगभग खत्म हो चुका है। खुलेआम सोशल मीडिया पर कानून के रक्षकों को चुनौती देना और गालियां देना, जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करता है।


