बेगूसराय : सावधान बेगूसराय में एड्स रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यूं कहे कि बेगूसराय में एड्स तेजी से पांव पसार रहा है तो गलत नहीं होगा। औधागिक नगरी बेगूसराय में प्रतिवर्ष चार सौ से अधिक मरीज बढ़ रहे हैं। जिला एड्स नियंत्रण विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिला में 4 जुलाई 2025 की शाम तक कुल निबंधित एचआइवी/ एड्स मरीजों की संख्या 6922 है ।उपरोक्त आंकड़े जिला वासियों को सतर्क रहने को प्रेरित कर रहा है।
सरकार के द्वारा जानलेवा बीमारी एचआइवी/ एड्स की रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यक्रम पर प्रतिवर्ष करोड़ों की राशि खर्च की जा रही है,लेकिन धरातल पर इसका कोई खास लाभ नहीं हो रहा है। तभी तो प्रतिवर्ष जिला में चार सौ से अधिक मरीज बढ़ रहे हैं। जिला एड्स नियंत्रण विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिला में 4 जुलाई 2025 की शाम तक कुल निबंधित एचआइवी/ एड्स मरीजों की संख्या 6922 है ।
जिसका इलाज एआरटी सेंटर बेगूसराय में चल रहा है। बीते वर्ष 2024 की बात करें तो जिला में 413 नये एचआइवी पीड़ित मरीज चिन्हित किए गए थे। वहीं वर्ष 2025 के बीते छह माह में जिला में 202 एचआइवी के नये मरीज की जांच रिपोर्ट पाजिटिव मिले हैं । उपरोक्त आंकड़े जिला वासियों को सतर्क रहने को प्रेरित कर रहा है।
जिला में संचालित है आइसीटीसी सेंटर : जिला के सदर अस्पताल में इंटीग्रेटेड काउंसिलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर बिहार राज्य एड्स नियंत्रण विभाग के निर्देशन में संचालित है। जहां आमजनों की काउंसिलिंग एवं आवश्यकता के अनुसार एचआइवी की जांच की जाती है। बीते वर्ष 2024 में इस सेंटर में 29054 लोगों की काउंसिलिंग एवं एचआइवी जांच की गई थी। वहीं इस वर्तमान वर्ष के छह माह में 14160 लोगों की काउंसिलिंग व जांच की गई।
सरकार के निर्देश के अनुसार सभी गर्भवती महिलाओं के लिए या किसी भी महिला-पुरुष को आपरेशन के पूर्व एचआइवी जांच अनिवार्य रूप से किया जा रहा है। एआरटी सेंटर का सबसे आश्चर्यजनक पहलु यह है कि यहां तीन चिकित्सकों का पद स्वीकृत है लेकिन बीते कई माह से यहां एक भी डाक्टर नहीं है। जिला संचारी रोग पदाधिकारी सह चिकित्सक डाक्टर राजू ही मरीजों का इलाज कर रहे हैं।
लैब टैक्निशियन व अन्य कई स्वीकृत पद रिक्त हैं। इसके लिए सिविल सर्जन डा. अशोक कुमार ने गुरुवार को भी यहां निरीक्षण में पहुंचे बिहार राज्य एड्स नियंत्रण इकाई, पटना के संयुक्त निदेशक मनोज कुमार सिन्हा से शीघ्र रिक्त पदों पर बहाली करने की मांग की ।
सदर अस्पताल में एचआइवी पीड़ितों के इलाज के लिए संचालित है एआरटी सेंटर : जिला के एचआइवी पीडितों को पहले इलाज के लिए पटना या अन्य जिला में भटकना पड़ता था। लेकिन बीते कई वर्षों से सदर अस्पताल में ही एआरटी (एंटी रेटरल ट्रीटमेंट) सेंटर स्थापित कर दिया गया है। इसमें चिन्हित व निबंधित 6922 एचआइवी/ एड्स मरीजों का वर्तमान में जिला संचारी रोग पदाधिकारी सह चिकित्सक के निर्देशन में निशुल्क जांच, दवा व इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
एचआइवी मरीजों को सरकार से दी जा रही मासिक पेंशन राशि : जिला एड्स नियंत्रण इकाई के प्रभारी जिला पर्यवेक्षक (डीआइएस) संतोष कुमार संत ने बताया कि बिहार सरकार के द्वारा दो प्रकार के पेंशन योजना संचालित हैं। बिहार शताब्दी एड्स पेंशन योजना का लाभ 18 वर्ष से उपर के एचआइवी/ एड्स पीड़ित मरीजों को प्रतिमाह- 15 सौ रुपये दिए जा रहे हैं। इस योजना के लाभ जिला के 3714 एड्स मरीजों को मिल रहा है। इसी प्रकार परवरिश योजना मेें एड्स मरीजों को उनके 18 वर्ष से कम के सभी बच्चों के परवरिश के लिए प्रतिमाह एक हजार रुपये की राशि पेंशन के रूप में दी जा रही है। इस योजना का लाभ 757 बच्चों को मिल रहा है।