बेगूसराय : घरवालों के पास फीस के पैसे नही थे, रिलेटिव के सपोर्ट से की पढ़ाई, बिना कोचिंग मेहनत कर 96.2% लाया बेटा

डेस्क : CBSE ने 12वीं का रिजल्ट घोषित कर दिया है। इस बार जहां टॉपर्स की सूची में लड़कियों ने बाजी मारी है। वहीं, बेगूसराय में एक बेरोजगार पिता के बेटे आयुष नंदन सिंह ने 12th (Commerce) में CBSE से 96.2% अंक लाकर अपने माता-पिता सहित स्कूल का नाम जिले में रोशन किया है। आयुष की इस सफलता पर घर में बधाई देने वालों का तांता लगा है।

बता दे की आयुष के घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद भी कड़ी मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है। आयुष ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, नाना और शिक्षकों को देते हुए कहा कि परिजनों की प्रेरणा के चलते ही उसने यह स्थान पाया है। साथ ही आयुष ने अपने जूनियर्स को सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि “अगर वह भी परीक्षा में अच्छे अंक हासिल करना चाहते हैं तो कठिन परिश्रम करें।

आपको जानकर हैरानी होगी कि आयुष के पिता अभी तक बेरोजगार हैं। 7-8 साल पहले उनको Brain stoke आया था जिसके कारण पिता पैरालाइज हो गए हैं। जिस वहज से नौकरी छूट गया । अभी थोड़े जमीं से खेती कर किसी तरह दो पैसे कमा कर अपने परिवार का जीवन- यापन कर रहे है। आयुष ने बताया कि घर की हालात इतनी खराब हो गए थे कि मेरे स्कूल की फीस जमा कराने तक के पैसे नहीं थे। जिसकी वजह से मैं भी काफी परेशान रहने लगा। लेकिन कुछ रिलेटिव (नाना) ने हमें सपोर्ट किया। वही, आयुष के पिता ने बेटे की इस कामयाबी पर खुशी जताते हुए कहा कि “हमेशा उनकी ख्वाहिश थी कि वह अपने बेटे को अच्छे से पढ़ाएंगे। इसलिए उन्होंने आयुष का एडमिशन DAV उर्वरक नगर बरौनी में कक्षा 10th में कराया था। उनका कहना है कि आयुष आजतक किसी भी कोचिंग में पढ़ने नहीं गया। बचपन से ही पढ़ने में होनहार है। जो भी पढ़ा अपने घर से ही पढ़ कर इस मुकाम तक हासिल किया।

उन्होंने यह भी बताया कि आयुष स्कूल से आने के बाद और रात को सोने से पहले स्कूल का होमवर्क तब तक करता था जब तक उसे पूरी तरह से याद नहीं हो जाता था। रात के दो-तीन बजे तक आयुष पढ़ाई करता था। उन्होंने बताया कि उन्हें कभी आयुष पर पढ़ाई के लिए दबाव बनाने की जरूरत नहीं पड़ी। वह 24 घंटों में महज 4 या 5 ही घंटे ही सोता था। बाकि, समय वह पढ़ाई में ही व्यतीत करता था।

उन्होंने बताया कि आयुष मोबाइल का यूज कम से कम करता था। वहीं, उसके दोस्त भी बहुत लिमिटेड हैं। उन्हें अपने बेटे पर गर्व है। उन्होंने आयुष की सफलता के लिए शिक्षकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्हीं के प्रयास का नतीजा है कि आज हमारा बेटा इस बुलंदी पर पहुंचा है। हम उनके ऋणी हैं और जीवनभर ऋणी रहेंगे। आयुष का कहना है कि अब आगे CA की तैयारी करना है।