बेगूसराय मांगे दिनकर विश्वविद्यालय, 23 सितम्बर को होगा मेगा ट्रेंड, #BegusaraiWantsDinkarUniversity

डेस्क : पहली बात बेगूसराय मिथिला में है, इसमें किसी को शंका नहीं होनी चाहिए। हमसब को मैथिल होने पर गर्व है। दूसरी बात एयरपोर्ट को लेकर जब अभियान चलाया गया तो सबने दरभंगा के नाम से एयरपोर्ट की मांग की थी, दरभंगा के नाम से एम्स की मांग की थी और दरभंगा के अलावे समूचे मिथिलांचल ने इस अभियान में बेहिचक अपनी सहभागिता दी थी। हमें खुशी है कि हमारे मिथिला में एयरपोर्ट होगा और एम्स भी। इस अभियान में समूचे मिथिलावासी ने सहयोग दिया था, लेकिन तब किसी ने यह प्रश्न नहीं उठाया कि ‛मिथिला’ शब्द कहाँ है ??

क्रांतिकारियों से सीधा सवाल है कि कभी बेगूसराय, समस्तीपुर, पूर्णिया, सहरसा, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर सहित अन्य मिथिला के जिलों के नाम से कोई मांग क्यों नहीं रखी गयी ? असल बात है दरभंगा के क्रांतिकारियों ने अन्य जिलों को कभी मिथिला का अंग माना ही नहीं। खैर, आपके मानने, ना मानने से हम गैरमैथिल नहीं हो जाएंगे। वास्तव में बेगूसराय को विश्वविद्यालय की आवश्यकता है। जिले के लाखों छात्रों को फजीहत का सामना करना पड़ता है। ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के दौरान मेरे जैसे तमाम छात्र इस समस्या को झेले हैं। कुछ सज्जनों का कहना है कि #BegusaraiWantsDinkarUniversity को अन्य मैथिलों का सहयोग नहीं मिलेगा क्योंकि इसमें मिथिला शब्द नहीं है तो कोई बात नहीं, मिथिला शब्द होने से ही बेगूसराय को मिथिला का अंग माना जायेगा और जायज मांगों का समर्थन किया जाएगा तो मत दीजिये समर्थन!

मुझे अपने गांव में कुछ चाहिए तो गांव का नाम लिखूंगा ना कि बदले में बेगूसराय या बिहार का नाम लिखूंगा ? मिथिला लिखने से परहेज नहीं है हमें, हमें अपनी मांगों को सरकार के सामने तरीके से रखना है ताकि उसे बचने का कोई मौका ना मिले, हमारा उद्देश्य ना तो नेता बनना है और ना ही बनाना! हमें समाज बनाना है, हमें व्यवस्था बनानी है। जहां दिनकर ने जन्म लिया, यूनिवर्सिटी वहीं बनेगा और मांग में बेगूसराय का नाम होगा. ऐसा नहीं है कि दिनकर के नाम से यूनिवर्सिटी की मांग आज कर रहें हैं। हम कई वर्षों से दिनकर विश्वविद्यालय की मांग करते रहे हैं, जब तक नहीं मिलेगा तब तक लड़ते रहेंगे! कोई साथ दें या ना दें, उनकी मर्जी।

इस करी में बेगूसरायवासी के तमाम वरिष्ठ पत्रकारों को भी ट्विटर ट्रेंड में आमंत्रण दिया गया है। एक बात और सरकार भी दरभंगा, मधुबनी को ही मिथिला समझती है. ऐसे में दिनकर यूनिवर्सिटी की मांग मिथिला के नाम से करने पर सरकार के पास जवाब होगा कि ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी तो मिथिला में है ही फिर दूसरी यूनिवर्सिटी की जरूरत क्या है ? दरभंगा वाले दरभंगाबाजी करते हैं तो बेगूसराय वाले बेगूसरायबाजी क्यों ना करें ? हमेशा मिथिलाबाजी करिये, हम मिलकर करेंगे, ठेठ मैथिल हैं हम.. एक बात बताते चले कि हैशटैग ट्रेंड करे या ना करे, यूनिवर्सिटी तो बनेगा, बेगूसराय में बनेगा, राष्ट्रकवि दिनकर के नाम पर बनेगा.. जय मां जानकी..! जय मिथिला! जय सिमरिया धाम!

स्वतंत्र पत्रकार अजय कुमार “बंटी”