Begusarai Court : कहते हैं ‘न्याय में देरी हो सकती है, लेकिन अंधेर नहीं होता’ कुछ ऐसा ही हुआ बेगूसराय की एक अदालत में। पूरे 31 साल पुराने मामले में आखिरकार फैसला आ गया। दरअसल, मामला 22 जुलाई 1994 की रात का है। बरौनी थाना क्षेत्र के बीहट इब्राहिमपुर टोला के पास बांसबीटा में एक गड्ढे से 800 लीटर डीजल बरामद किया गया था। आरोप था कि इसे कालाबाजारी करने के लिए छिपाकर रखा गया था। पुलिस ने छापेमारी कर मोहम्मद नाथो, मोहम्मद निजाम उर्फ लंगड़ा और मोहम्मद रहमान को गिरफ्तार किया था।
मामले में एफसीआई थाना के तत्कालीन प्रभारी गंगा दयाल चौधरी ने बरौनी थाना कांड संख्या 317/1994 के तहत 7 EC अधिनियम में केस दर्ज कराया था। क़रीब तीन दशक तक चली सुनवाई में अभियोजन पक्ष ने पांच गवाहों की गवाही कराई। अंततः 13 अगस्त को एसडीजेएम रूबी कुमारी की अदालत में आरोपी मोहम्मद निजाम ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
अदालत ने दोष स्वीकार करने पर नरमी बरतते हुए एक माह की कैद और 1000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई।यानि 800 लीटर डीजल छिपाने की साजिश पर 31 साल बाद सज़ा तय हुई—इतनी लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार डीजल की कालाबाजारी का केस मंज़िल तक पहुंच ही गया!