Barauni Thermal Power Station : बरौनी थर्मल पावर स्टेशन में बंद पड़ी इकाइयों की जगह अब आधुनिक तकनीक से लैस 800 मेगावाट की अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल इकाई स्थापित की जाएगी। एनटीपीसी ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय को भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही अगले छह से आठ महीनों में निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। अनुमान है कि नई इकाई अगले चार वर्षों के भीतर उत्पादन देना शुरू कर देगी और पूरी बिजली बिहार को उपलब्ध होगी।
प्रस्ताव के अनुसार, यदि पर्याप्त जमीन उपलब्ध हो जाती है तो बरौनी में 1000 मेगावाट की एक और बड़ी इकाई भी लगाई जा सकती है, जो राज्य की अब तक की सबसे बड़ी विद्युत इकाई होगी। नई परियोजना पर सात हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च का अनुमान है।
गौरतलब है कि बरौनी में 110 मेगावाट की दो इकाइयों का आधुनिकीकरण और मरम्मतिकरण किया गया था, जबकि 250 मेगावाट की दो नई इकाइयों का निर्माण भी पूरा हुआ। 15 दिसंबर 2018 को बिहार सरकार ने इन इकाइयों के संचालन व रखरखाव की जिम्मेदारी एनटीपीसी को सौंप दी थी। इसके बाद यहां से बिहार को लगभग 720 मेगावाट बिजली मिल रही थी।
इस बीच 110 मेगावाट वाली दोनों इकाइयों का जीवनकाल पूरा होने के कारण, निर्धारित 25 वर्ष पूरे होने पर, इन्हें 31 मार्च 2024 को बंद कर दिया गया। अब इन्हीं दो इकाइयों की जगह पर एक नई अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल इकाई स्थापित की जाएगी। इस तकनीक का लाभ यह है कि कम जमीन में अधिक क्षमता की इकाई तैयार की जा सकती है।

