Begusarai News : दुनिया में भले ही हर रिश्ता पराया हो सकता है, लेकिन मां का रिश्ता कभी पराया नहीं माना जाता। मां को ममता की मूरत कहा जाता है, जो खुद भूखी रहकर भी अपने बच्चों का पालन-पोषण करती है और उन्हें बेहतर भविष्य देने का सपना देखती है। लेकिन बेगूसराय में घटी एक घटना ने मां की ममता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मामला बेगूसराय रेलवे स्टेशन का है, जहां एक मां अपनी करीब दो माह की दुधमुंही बच्ची को भीषण ठंड में प्लेटफार्म संख्या एक पर छोड़कर फरार हो गई। बच्ची खुले आसमान के नीचे प्लेटफार्म की बेंच पर लगभग दो घंटे तक अकेली पड़ी रही। ठंड के कारण बच्ची कराहती रही, लेकिन उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं था।
घटना की सूचना मिलते ही बेगूसराय आरपीएफ पोस्ट के कमांडर अरविंद कुमार सिंह के नेतृत्व में आरपीएफ की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने देखा कि बच्ची ठंड से बुरी तरह कांप रही है। इसके बाद आरपीएफ जवानों ने उसे गर्म कंबल में लपेटा और करीब दो घंटे तक उसी स्थान पर बैठकर उसकी मां के लौटने का इंतजार किया। हालांकि, काफी समय बीत जाने के बावजूद मां वापस नहीं लौटी।
इसके बाद आरपीएफ की टीम बच्ची को अपने पोस्ट पर ले आई, जहां उसे दूध पिलाकर प्राथमिक देखभाल की गई। आरपीएफ पोस्ट कमांडर अरविंद कुमार सिंह ने बच्ची की उचित देखभाल और भविष्य को ध्यान में रखते हुए अडॉप्शन सेंटर को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही अडॉप्शन सेंटर की टीम आरपीएफ पोस्ट पहुंची और बच्ची को अपने संरक्षण में ले लिया।
इस संबंध में आरपीएफ कमांडर ने भावुक होते हुए कहा कि एक मां कभी भी निर्दयी नहीं हो सकती। आखिर ऐसी क्या मजबूरी रही होगी कि एक मां ने दो महीने तक बच्ची की देखभाल करने के बाद उसे स्टेशन के प्लेटफार्म पर छोड़ने का कठोर फैसला किया। इतनी निर्दयी और पत्थर दिल मां की कल्पना करना भी मुश्किल है।
फिलहाल यह घटना पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है और लोग उस मां की मजबूरी को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगा रहे हैं। वहीं, आरपीएफ और अडॉप्शन सेंटर की तत्परता से दुधमुंही बच्ची को सुरक्षित भविष्य मिलने की उम्मीद जगी है।

