Dwarfism in children of Begusarai : दुनिया का हर बच्चा अपने आप में बेहद खास और यूनिक होता है। उसका वजन, लंबाई, चेहरे का कलर सबकुछ भगवान की देन होती है। लेकिन, कभी-कभी कम वजन या कम हाइट के चलते उसे शर्मिंदगी का सामना उठाना पड़ता है। बता दें कि अगर बच्चे की हाइट नहीं बढ़ती है तो उसे बौने की कैटेगरी में डाल देते हैं। पर सवाल ये है कि हाइट ना बढ़ने के पीछे क्या कारण होता है?
जारी ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के 0 से 6 साल तक की उम्र के 41% बच्चों में बौनेपन की शिकायत है। वहीं, 0 से 5 साल तक के 23% बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर हैं। बताते चलें कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के निर्देश पर समेकित बाल विकास सेवाएं (ICDS) निदेशालय की ओर से सितंबर माह को पोषण माह के तौर पर मनाया जाता है। इस दौरान बच्चों की वृद्धि माप की जाती है। वृद्धि माप के साथ इसकी रिपोर्ट हर आंगनबाड़ी केन्द्र को भेजना होती है। उसी के आधार पर यह डाटा तैयार की जाती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के 1 लाख 14 हजार 935 आंगनबाड़ी केन्द्र को शामिल किया गया था, इसमें 1 लाख 11 हजार 199 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को लगाया गया था, इसमें 0 से 6 साल तक के 90 लाख 88 हजार 458 बच्चे शामिल हुए थे। वहीं, 0 से 5 साल तक के 74 लाख 04 हजार 246 बच्चे शामिल हुए। इसमें पाया गया औसतन बिहार के 41% बच्चे बौनेपन के शिकार हो रहे हैं।
इन कारणों से होता है बच्चों में बौनापन
- वृद्धि हार्मोंस के कमी के कारण
- खान पान सहीं नहीं होने से
- बच्चों की शरीर विकास के लिए जो देना चाहिए, वो नहीं मिलना
- बच्चों को गतिविधि नहीं करवाना
- बच्चों को समय के मुताबिक खान-पान की कमी होना
बिहार के सभी जिलों के बच्चों के बौनेपन की स्थिति (प्रतिशत में)
- पटना – 39
- अररिया – 49
- अरवल – 33
- औरंगाबाद – 47
- बांका – 43
- बेगूसराय – 40
- भागलपुर – 45
- भोजपुर – 38
- बक्सर – 43
- दरभंगा 42
- पूर्वी चंपारण – 39
- गया – 43
- गोपालगंज – 43
- जमुई 47
- जहानाबाद – 44
- कैमूर – 44
- कटिहार – 45
- खगड़िया – 40
- किशनगंज – 39
- लखीसराय 44
- मधेपुरा – 40
- मधुबनी – 39
- मुंगेर – 41
- मुजफ्फरपुर – 40
- नालंदा – 40
- नवादा – 36
- पूर्णिया – 44
- रोहतास – 34
- सहरसा – 44
- समस्तीपुर – 47
- पश्चिम चंपारण – 39
- वैशाली – 41
- सुपौल – 45
- सीवान – 33
- सीतामढ़ी – 40
- शिवहर – 47
- शेखपुरा – 42
- सारण- 38