10 साल से पहले ही बेकार हो जाएगी आपकी डीजल कार, यहां समझिए पूरा माजरा..

डेस्क : डीजल से चलने वाली कार के मालिकों के लिए जरूरी खबर है। दरअसल एक शोध में सामने आया कि डीजल से चलने वाली वाहन प्रदूषण के मुख्य कारणों में से एक है। डीजल कार प्रदूषण के मानकको से बिल्कुल विपरीत अधिक प्रदूषण को बढ़ावा दे रही है।

दिल्ली में प्रदूषण के चलते लोग अस्त व्यस्त रहते हैं। दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर राजीव कुमार मिश्रा के नेतृत्व अध्ययन किया गया। इसमें डीजल कार से संबंधित कई बातें सामने आई है। जिससे पता चलता है कि डीजल कार समय अवधि से पहले अनफिट हो जाती है ऐसे में प्रदूषण ज्यादा फैलता है।

अनुसंधान ने विभिन्न क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में पंजीकृत 460 से अधिक कारों की निगरानी की। इसमें पाया गया कि लगभग 7.5 साल या 95,000 किलोमीटर के जीवन काल के बाद, ये कारें BS-IV उत्सर्जन मानदंडों का अनुपालन नहीं करती हैं, जबकि BS-III गैर-अनुपालन बनने में लगभग 9 साल लगेंगे।

इस संबंध में राजीव मिश्रा ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, हालांकि, बीएस-III मानक के मामले में नौ वर्ष की अनुमानित आयु 10 वर्ष की दिल्ली में अधिकतम अनुमेय पंजीकरण अवधि के करीब है। जबकि BS-IV कटऑफ के लिए अनुमानित आयु 7.5 वर्ष है, यह चिंता का विषय है। इस तथ्य को देखते हुए कि कड़े BS-VI उत्सर्जन मानदंडों का पालन करने वाले वाहन उन्हें और भी तेजी से उपयोग करने से मना कर सकते हैं।

दरअसल यह समस्या डीजल कार का मेंटेनेंस न होने की वजह से है। जबकि बेहतर रखरखाव वाली कारें पुरानी हो सकती हैं और अधिक माइलेज दे सकती हैं, शोध में पाया गया है कि ये कारें BS-IV और BS-III दोनों मानदंडों के अनुरूप हैं। इससे स्पष्ट है कि उचित रखरखाव से डीजल कारों की आयु बढ़ाई जा सकती है। इन कारों को इंजन ट्यूनिंग, नियमित सर्विसिंग और उत्सर्जन नियंत्रण की उचित देखभाल की आवश्यकता होती है।