Driving License एक्सपायर होने के बाद भी सड़क दुर्घटना होने पर मुआवजा देगी इंश्योरेंस कंपनी, जानें- नया नियम….

Road Accident Compensation: हाल ही में बॉम्बे High Court ने एक इंश्योरेंस कंपनी एक महिला (सड़क हादसे में जान गंवाने वाली) के परिवार को मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है. चाहे भले ही हादसे के समय गाड़ी चलाने वाले का ड्राइविंग लाइसेंस DL एक्सपायर ही क्यों न हो गया हो. बॉम्बे हाईकोर्ट के अनुसार, एक एक्सपायर लाइसेंस का इस बात की पुष्टि नहीं कर सकता, कि गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति को गाड़ी चलानी नहीं आती या फिर वो एक स्किल्ड ड्राइवर नहीं था.

पिछले फैसले को दिया गया था रद्द : एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस शिवकुमार डिगे ने इससे पहले दिए गए मोटर क्लेम ट्रिब्यूनल वाले आदेश को अब रद्द कर दिया. बीमा कंपनी को इस वजह से देनदारी से भी मुक्त कर दिया गया, क्योंकि ट्रक ड्राइवर का लाइसेंस DL एक्सपायर हो चुका था. साथ ही अदालत ने इस तरह के मामलों में आगे से पीड़ित के अपील करने के मूल अधिकार को भी बरकरार रखा है. अदालत ने यह बताया कि, मोटर वाहन अधिनियम की धारा 173 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो ट्रिब्यूनल के फैसले से अगर पीड़ित है, तो अपील दायर कर सकता है. क्योंकि अपील कर्ता दावेदार हैं और ये उनका अधिकार है.

क्या था पूरा मामला : यह पूरा मामला 23 नंबर 2011 का है, जब हादसे में जान गंवाने वाली महिला आशा बाविस्कर अपने पति के साथ स्कूटर पर बैठकर कहीं जा रहे थे, वो स्कूटर पर पीछे बैठी हुईं थी. रास्ते में उन्हें एक ट्रक ने ओवरटेक करने की कोशिश भी की, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ और इस हदसे में उस महिला बाविस्कर की जान चली गयी. जब क्लेम के लिए यह मामला ट्रब्यूनल में पहुंचा, तो कंपनी को राहत दे गयी और ट्रक मालिक को मुआवजा देने का भी आदेश दिया गया. क्योंकि ट्रक चला रहे ड्राइवर का ड्राइविंग लाइसेंस DL घटना से 4 महीने पहले ही एक्सपायर हो चुका था. यानि घटना के समय ट्रक ड्राइवर बिना वैध लाइसेंस के ट्रक भी चला रहा था.

जिसके बाद बिस्वाकार के परिवार ने इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ HighCourt में अपील की. जिस पर बीमा कंपनी ने तर्क देते हुए कहा, कि ट्रक मालिक को पीड़ित व्यक्ति मानते हुए मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 173 के तहत उसे भी अपील करने का बिल्कुल अधिकार है. मोटर व्हीकल एक्ट में पीड़ित व्यक्ति शब्द की व्याख्या भी नहीं है और दावेदारों को बीमा कंपनी से मुआवजा प्राप्त करने के लिए पीड़ित व्यक्ति नहीं माना जा सकता.

हालांकि अदालत के मुताबिक, नियमों का उलंघ्घन करने वाले ट्रक का बीमा, बीमा कंपनी की तरफ से भी किया जा चुका था, जिससे मुआवज देना बीमा कंपनी की ही जिम्मेदारी थी. वहीं अदालत ने ट्रक ड्राइवर के लाइसेंस DL को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि, इस घटना के समय ट्रक ड्राइवर का लइसेंस रिन्यू न होना, यह साबित नहीं करता कि ट्रक ड्राइवर एक स्किल्ड ड्राइवर नहीं था. इसलिए कोर्ट ने बीमा कंपनी को मुआवजा देने का आदेश भी दिया. साथ ही इसकी भरपाई ट्रक मालिक से करने का भी आदेश दे दिया है.