ये है हाइड्रोजन से चलने वाला भारत का पहला JCB, जानें- कीमत और खसियत….

Hydrogen JCB : इस समय देश में वायु प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए सरकार भी पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों की जगह नवीकरणीय ऊर्जा और अन्य प्राकृतिक ईंधन के इस्तेमाल से चलने वाले वाहनों के निर्माण पर जोर दे रही है।

इस समय वाहन निर्माता कंपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल के साथ ही हाइड्रोजन गैस से चलने वाले व्हीकल बनाने पर भी काम कर रही है। इसी लिस्ट में अब जेसीबी पावर सिस्टम ने हाइड्रोजन से चलने वाले एशिया का सबसे पहले जेसीबी बेकहो लोडर पेश किया है। इसका उद्घाटन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया है।

कार्बन उत्सर्जन घटाने में मील का पत्थर

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि अब कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए जेसीबी पावर सिस्टम ने हाइड्रोजन से चलने वाला बेकहो लोडर का निर्माण कर लिया है जो बुनियादी ढांचा के विनिर्माण कार्य में इस्तेमाल होता है।

इसके लिए कंपनी ने 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है। रिपोर्ट के अनुसार बुनियादी ढांचा निर्माण में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए हाइड्रोजन गैस से चलने वाला जेसीबी बेकहो लोडर मील का पत्थर साबित होगा।

डीजल इंजन की तरह ही करेगा काम

कंपनी ने दावा किया है कि हाइड्रोजन गैस से चलने वाला जेसीबी का बेकहो लोडर भी डीजल इंजन से चलने वाले वाहन की तरह ही काम करेगा। इसके इंजन में डीजल की जगह हाइड्रोजन गैस का इस्तेमाल किया जायेगा। इसकी मोटर भी डीजल इंजन की तरह पावर जनरेट करेगी, लेकिन इससे कार्बन का उत्सर्जन नहीं होगा।

EV के मुकाबले ज्यादा बेहतर

JCB ने बताया कि हाइड्रोजन से चलने वाली मशीन इलेक्ट्रिक ऊर्जा से चलने वाली मशीनों से ज्यादा बेहतर होगी। इलेक्ट्रिक व्हीकल को चार्ज करने के लिए बिजली की जरूरत पड़ती है और दूर दराज के क्षेत्र में काम करने के मामले में इलेक्ट्रिक व्हीकल व्यावहारिक नहीं है।

हालांकि बड़े उत्खनन में बैटरी से चलने वाली मशीन जल्दी डिस्चार्ज हो जाती है और काम बीच में रुक जाने पर इसे चार्ज भी नहीं किया जा सकता। जिसके साथ इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी का वजन इतना ज्यादा होता है कि उसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में परेशानी आती है। ऐसे में हाइड्रोजन गैस एकमात्र ऐसा विकल्प है, जिसका इस्तेमाल JCB जैसे भारी वाहन में ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।