हमारे देश के लोग काफी ज्यादा तरक्की कर रहे हैं ऐसे में देश-विदेश तक भारतवासी बसे हुए हैं, लेकिन हाल ही में एक रिपोर्ट आई है जिसके अनुसार एक देश है जहां से भारतीय लोग तेजी से जगह को छोड़ रहे हैं. हम बात कर रहे हैं स्वीडन (Sweden) की इस जगह से लगातार भारतीय लोग अपना बोरिया बिस्तर से लेकर वहां से चले गए हैं। इसका कारण भी बताया गया है तो आईए जानते हैं कि आखिर क्यों भारतीय मूल के लोग स्वीडन (Sweden) को छोड़ रहे हैं।
तेजी से स्वीडन (Sweden)छोड़ रहे हैं भारतीय.
सांख्यिकी स्वीडन (Sweden) के अनुसार, 2023 में स्वीडन (Sweden) में भारतीयों की जनसंख्या 58,094 थी आपको बता दें कि,1998 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि भारतीय स्वीडन (Sweden)के सबसे ज्यादा प्रवासी समुदाय के लोग बन गए हैं। भारतीय मूल के लोगों ने स्वीडन (Sweden)छोड़ने के कई सारे कारण भी बताएं हैं आज हम उन्हें कर्म के बारे में बात करने वाले हैं। यूरोपियन यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट (European University institute)की एक रिपोर्ट के अनुसार 24,034 भारतीय मूल के लोगों को स्वीडन (Sweden)का वीजा दिया गया है।
भारतीयों ने दिए कई तर्क
जनवरी से जून के बीच तकरीबन 2,837 भारतीय मूल के लोगों ने स्वीडन (Sweden) छोड़ा है. किसी की वजह से चीन इराक को पछाड़ के भारतीय मूल सबसे बड़ा स्वीडन छोड़ने वाले प्रवासी बन गए। आपको बता दें कि स्वीडन (Sweden) में वर्क वीजा (Sweden work visa) लेने वाले 61.2% लोग स्टडी वीजा (Sweden study visa) ले कर आने वाले 25.8% भारतीय,फैमिली रियूनिफिकेशन (family reunification visa) का वीजा लेकर 9.6% भारतीय,एडॉप्शन (Sweden adoption visa) के लिए 3.1% ,मानवीय कारण से 0.3% भारतीय स्वीडन में रहते है।
अब स्वीडन (Sweden) छोड़ने के पिछे उन्हीं लोगों ने कई कारण बताएं हैं, उन्होंने बताया कि इसके पीछे कई कारण है जैसे कॉस्ट ऑफ लिविंग (Cast of living) , अपार्टमेंट की कमी, आईटी सेक्टर में छंटनी, सख्त वर्क वीजी आदि शामिल हो सकते हैं.