राज कुंद्रा के पिता थे बस कंडक्टर,18 साल में हो गया था जिम्मेदारी का एहसास – शाल बेचकर खड़ी की करोड़ों की प्रॉपर्टी

डेस्क : राज कुंद्रा ने अपने व्यवसाइक जीवन की शुरुआत काफी कम समय में कर दी थी। मात्र 18 वर्ष की आयु में वह बहुत कष्ट झेल रहे थे। बता दें कि उनका जन्म लंदन के एक मध्यम परिवार में हुआ था। उनके पिता जी का नाम बालकृष्णन है,वह पहले कॉटन इंडस्ट्री में कार्य करते थे। इसके बाद वह बस कंडक्टर बन गए। उनके पिताजी लुधियाना पंजाब से लंदन गए थे। उनकी माताजी एक ऑप्टिशियन शोरूम में कार्य किया करती थी, ऐसे में जब उन दोनों की शिफ्ट एक साथ होती थी तो राज कुंद्रा अपनी मां के साथ शोरूम जाया करते थे।

राज कुंद्रा का कहना है कि उनकी दो छोटी बहनें हैं और जब उनके माता-पिता काम करते थे तो उनको एहसास होता था कि एक अच्छी जिंदगी के लिए उनके माता-पिता को संघर्ष करना पड़ रहा है। ऐसे में उनके पिताजी ने एक किराने का स्टोर खोला था और अपना काम शुरू किया था। इसके बाद उन्होंने दवा भंडार और डाकघर की भी शुरुआत की थी। उनके पिताजी देखते थे की जब एक काम में मंदी आती थी तो वह दुसरे काम में चले जाते थे। जब वह 18 साल के थे तो उनके पिता जी ने कह दिया था कि या तो आप हमारे द्वारा शुरू किया गया रेस्टोरेंट चलाओ या फिर 6 महीने में अपने आप को साबित करके दिखाओ।

तब उनके क्रेडिट कार्ड की लिमिट 2000 यूरो थी। यही लेकर वह दुबई चले गए थे, दुबई में उन्होंने कई सोने चांदी ज्वेलरी के व्यापारियों से बात की लेकिन वहां उनकी बात नहीं बनी और फिर वह नेपाल की तरफ चले गए। नेपाल में उन्होंने पश्मीना शॉल देखी, जिसकी कीमत काफी कम थी। ऐसे में वह 100 शॉल की जोड़ी लेकर लंदन आ गए और बड़े-बड़े क्लॉथिंग ब्रांड्स को पहुंचाने लगे। लोगों को उनके शॉल काफी ज्यादा पसंद आए और देखते ही देखते पशमीना शॉल इंग्लैंड में बहुत बड़ा ब्रांड बन गया।

उनकी जिंदगी के व्यवसाय की शुरुआत यहीं से हुई और देखते ही देखते वह साल भर में 20 मिलियन यूरोज़ कमा चुके थे। इस कार्य को करते हुए वह आगे बढ़ते चले गए और उन्होंने करोड़ों रुपए जमा कर लिए। जब साल 2009 आया तो उन्होंने मॉरीशस की कंपनी से मदद लेते हुए राजस्थान रॉयल्स टीम को खरीद लिया बता दे की राजस्थान रॉयल्स की टीम को उन्होंने 75 करोड़ रूपए में खरीदा था।