आखिर क्यों! राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने ट्वीट कर लिखा- कंगना रनोट को पद्मश्री देने पर बहुत शर्मिंदा हूं, जानिए क्या है इसकी सच्चाई !

डेस्क: हाल ही में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विभिन्न प्रतिभागियों को पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया, जिसमे बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को भी सम्मानित किया गया, उसके अगले ही दिन बाद अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक मीडिया चैनल के माध्यम से देश के आजादी को लेकर विवादित बयान दे दिया, कंगना ने कहा “असली आजादी 2014 मिली, 1947 में जो आजादी मिली थी वह भीख थी,

उसके बाद से देश में यह बयान भूचाल समझ गया, लोग इसकी आलोचनाएं करने लगे, नेता से लेकर अभिनेता तक.. पद्मश्री वापस करने की बात करने लगे, लेकिन इसी बीच कंगना के विवाद वाले बयान को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का एक ट्वीट वायरल होने लगा, ट्वीट में लिखा था, की कंगना रनोट द्वारा की गई टिप्पणी देश की भावनाओं को आहत करने वाली है, मैं स्वंय उन्हें पद्म पुरस्कार दिए जाने के लिए शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं। मेरी सरकार श्री नरेंद्र मोदी से विनती है कि मुझे पुरस्कार वापस लेने की अनुमति दी जाए।

Kangna Ranuat

क्या सच में राष्ट्रपति कोविंद ने यह ट्वीट किया था: बता दें कि ट्विटर वायरल होने के बाद देश में हड़कंप सा मच गया, सब लोग इसकी सच्चाई जानना चाहते थे, क्या वाकई में राष्ट्रपति ने यह ट्वीट किया, जब ट्विटर अकाउंट की गहन जांच की गई तो, पता चला यह ट्विटर अकाउंट नकली है, बता दे की राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट एक सत्यापित है जो ‘@rashtrapatibhvn’ उपयोगकर्ता नाम के तहत संचालित होता है, जबकि फर्जी खाता, जिसे अब निलंबित कर दिया गया है, उपयोगकर्ता नाम ‘@rashtrptibhvn’ के तहत ट्वीट किया गया है।

अधिकारी खाता Blue Tick है जबकि फेक..बता दें कि जब इस ट्विटर अकाउंट की गहन जांच की गई तो पता चला यह अकाउंट सस्पेंड हो चुका है, जब वेबैक मशीन का उपयोग किया, जो इस खाते द्वारा किए गए पोस्ट की जांच करने के लिए एक इंटरनेट संग्रह करने वाली वेबसाइट है। तो पता चला, यह खाता नवंबर 2020 में ट्विटर से जुड़ा था और यह संयुक्त राज्य से बाहर स्थित है, जबकि राष्ट्रपति का आधिकारिक सत्यापित खाता जुलाई 2017 में नई दिल्ली से मंच से जुड़ा था।

वायरल टि्वटर स्क्रीनशॉट फर्जी साबित हुआ: इससे साफ स्पष्ट हो गया कि यह वायरल टि्वटर बिल्कुल तरह से फेक है, ये ट्वीट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नहीं बल्कि उनके नाम से बनाए गए फर्जी अकाउंट से किया गया था।