Thursday, July 4, 2024
Teghra News

तेघड़ा : हर्षोल्लास के साथ मनाई गयी सतगुरू महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज की 140 वीं जयंती

तेघड़ा , अशोक कुमार ठाकुर : प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बुधवार को श्री संत मत सत्संग मंदिर फुलवड़िया में सतगुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज की 140वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गयी। सत्संग मंदिर परिसर में बुधवार की सुबह से ही बूंदा-बांदी के बीच भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी थी। मौके पर भव्य रथ पर गुरु महाराज की तस्वीर लगाकर गाजे बाजे के साथ क्षेत्र के विभिन्न मार्गों पर शोभा यात्रा निकाली गयी। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं, पुरुष व बच्चे शामिल हुए। इस दौरान भक्तगण संतमत का अमर संदेश घर-घर फैले देश-विदेश, कबीर नानक बुद्ध प्यारे-सभी संत हें।

पूज्य हमारे जैसे नारे लगा रहे थे। सबों के हाथों में झंडा विभिन्न तरह का स्लोगन लिखा हुआ तख्ती हाथ में था।प्रभातफेरी के पश्चात सत्संग मंदिर में स्तुति पाठ एवं आरती का आयोजन किया गया। वहीं महर्षि मेंहीं जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया। तत्पश्चात सामूहिक भंडारा का आयोजन किया गया किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। अपराह्न काल में भजन, कीर्तन, स्तुति एवं सदग्रंथ पाठ किया गया। जिसमें स्वामी गुरु प्रसाद बाबा द्वारा महर्षि मेंहीं परमहंस जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महर्षि मेंहीं का जन्म 18 अप्रैल 1885 ईस्वी में वैशाख शुक्ल चतुर्दशी को अपने नाना के घर हुआ था। उनके माता का नाम जनकवती देवी व पिता बहुजन बाबू थे।

उन्होंने बताया कि गुरु महाराज के माथे पर जन्म से ही सात जटाएं थी। जिसे कंगी से उलझा देने के बाद पुनः अपने आकार में आ जाता था। जब वह मैट्रिक में अंग्रेजी की परीक्षा दे रहे थे तो कविता की व्याख्या लिखने को कहा गया। उन्होंने हिंदी में सिर्फ दो पंक्ति लिखी-देह धरे का फल यहीं भाई भजिए राम सब काम बिहाई। अर्थात ईश्वर की भक्ति से बढ़कर कुछ नहीं है। उन्होंने भागलपुर स्थित कुप्पाघाट में कई महीनों तक ध्यान अभ्यास व साधना कर ज्ञान प्राप्त किया तथा लोगों को संदेश दिया कि ईश्वर एक है और उनके पास पहुंचने का रास्ता भी एक है। जिला मंत्री गजेंद्र प्रसाद पोद्दार, रामनंदन सिंह, संजीव गुप्ता, विभूति सिंह, मारकंडे दास, सोनू पंडित आदि सदस्यों का कार्यक्रम के सफल आयोजन में भरपूर सहयोग रहा।