प्रभारी अंचलाधिकारी के भरोसे तेघरा अंचल , किसान नेता ने दी आंदोलन की चेतावनी

तेघड़ा (बेगूसराय) अंचल कार्यालय तेघड़ा में अंचलाधिकारी के रूप में प्रभारी अंचलाधिकारी एवं पदस्थापित हल्का कर्मचारी मात्र चार जिसकी वजह सेअंचल कार्यालय में इस समय सबसे ज्यादा परेशानी किसानों के साथ-साथ बाढ़ पीड़ितों की देखी जा रही है। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि किसानों को एलपीसी ,जमाबंदी परिमार्जन, दाखिल खारिज, जमाबंदी सुधार व जमाबंदी सृजन एवं मालगुजारी रसीद कटवाने के लिए अंचल कार्यालयों का चक्कर लगाया जा रहा है।

साथ ही भूमि संबंधित विवादों का निपटारा पर भी गंभीर संकट बना हुआ है जिससे किसानों को कई तरह के नुकसान हो रही है। अनुमंडल मुख्यालय तेघरा अंचल कार्यालय को अपना अंचलाधिकारी नसीब नहीं है। वैसे काम चलाने के लिए बरौनी प्रखंड के अंचलाधिकारी सुजीत सुमन को तेघरा अंचल का कार्यभार प्रभारी के तौर पर सौंपा गया है। जिन्होंने अंचल कार्यालय तेघड़ा को कम समय देने से किसानों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

राजस्व का टारगेट कैसे होता है पूरा: किसान नेता दिनेश सिंह ने अपने समर्थकों के साथ अंचल कार्यालय पर आंदोलन की चेतावनी देते हुए बताया कि बताया कि राजस्व एवं भूमि सुधार से संबंधित सभी कार्य ठप होने के साथ ही सरकार के द्वारा किसी भी तरह के भी सरकारी लाभ लेने के लिए किसानों को करंट रशीद एवं एलपीसी अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में तेघड़ा के किसानो को सरकारी लाभ से वंचित होना पड़ता है।

तेधड़ा प्रखंड के पूर्व का 25 पंचायत वर्तमान में तेघरा प्रखंड 13 पंचायत के प्रखंड के साथ ही बरौनी नगर परिषद एवं तेघरा नगर परिषद के भूमि एवं राजस्व से जुड़े सभी कार्य मात्र 4 हल्का कर्मचारी सुभाष कुमार, संगीता लोमस, रामानुज सिंह एवं उपेंद्र यादव के सहारे चलाई जा रही है यह दुर्भाग्यपूर्ण है उन्होंने बताया कि अगर 1 सप्ताह के अंदर स्थिति में बदलाव नहीं होती तो इसके लिए बड़े पैमाने पर आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी।

वही इस संबंध में जन कल्याण मंच के अध्यक्ष ब्रह्मदेव पासवान, सचिव पवन ठाकुर, उपाध्यक्ष अशोक कुमार ठाकुर एवं संगठन मंत्री रणधीर मिश्रा ने बताया कि जन कल्याण मंच द्वारा राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री माननीय आलोक मेहता को पत्राचार करने का निर्णय लिया गया है।