श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर मंसूरचक में उमड़ने लगी है भक्तों की आस्था का सैलाब

मंसूरचक( बेगूसराय) मंसूरचक में जन्माष्टमी 1992 से हर साल बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। करोना महामारी को लेकर 2 वर्ष मात्र सीमित दायरे में भक्तों ने अन्य पूजा अर्चना की थी। लेकिन इस बार बड़ी तैयारी के के साथ मेला की व्यापकता जो ऐतिहासिक मेला के रूप में इसे यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।

19 अगस्त शुक्रवार को उच्च राशि चंद्रमा में मनाने की संयोग के साथ जन्माष्टमी की पूजा खासकर सभी मंडपों एवं ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों में विधि विधान के साथ रात्रि के 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्म महोत्सव मनाने की तैयारी पूर्ण कर ली गई। जिसके तहत बाल गोपाल स्वरूप की पूजा की गई। अजन्मे के जन्म के दर्शन का साक्षी बनने के लिए जिले एवं जिले के बाहर के हजारों लोगों ने मंसूरचक में श्री कृष्ण जन्मोत्सव का भरपूर आनंद ले रहे हें।इस बार के जन्माष्टमी पर बना खास संयोग मंसूरचक के सबसे पूराने पंडाल बाल विकास क्ल्ब यूको बैंक में उमड़ा मुरली वालों के भक्तों का हुजूम।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पूर्व संध्या पर मंसूरचक के सभी मंडपों में विशेष साज-सज्जा हुई।रंग-बिरंगी रोशनी से पूरे मेला क्षेत्र जगमगा उठा। मंसूरचक समसा में कान्हा के जन्मोत्सव का साक्षी बनने के लिए हजारों की संख्या में कृष्ण भक्त शामिल हुए।श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर कृष्ण भक्तों के स्वागत के लिए संस्था की ओर से व्यापक तैयारी कि गई है। प्रत्येक चौक – चौराहे को दुल्हन की तरह सजाया गया। वही रंग बिरंगी रोशनी में नहाए कृष्ण के मंडप से आलौकिक छटा बिखर रही है। मेला में प्रवेश मार्गों पर उल्लास का अहसास करा रही है।

इस बार मंसूरचक बाजार , फाटक चौक से लेकर सिमरत्ला चौक महेंद्रगंज एवं समसा आदि सभी कुल 13 मंडप क्षेत्रों में व्यापक पैमानेपर जन्म महोत्सव पर भव्य तैयारियां देखी गई । इसके लिए पहले से भी पंडाल को भव्य बनाने की तैयारियां की गई।इस बार आधुनिक ढंग से मंडप का निर्माण और मेला क्षेत्र का सजाबट किया गया। इधर मूर्तिकारों के द्वारा भी राधा कृष्ण सहित अन्य देवी देवताओं की प्रतिमा का निर्माण आधुनिक तरीके से किए गए।

मेला में आने वाले दर्शकों के मनोरंजन के लिए मध्यविधालय समसा के ग्राउंड एवं मंसूरचक पुरानी बाजार, फाटक चौक बस पड़ाव के समक्ष आकाशी व अन्य तरह का झूला,जादूघर,मीना बाजार आदि की भरपूर व्यवस्था की गई है।वहीं खिलौना, मिठाई की दूकान,श्रृगांर सहित अन्य तरह के दूकानों का आनंद भी लोग ले रहे हें। इतना ही नहीं लोगों का मनोरंजन का विशेष ख्याल रखते हुए मेला समिति के द्वारा ,कहीं जागरण तो कहीं रंगारंग कार्यक्रम तो कहीं स्टेज शो का प्रोग्राम रखा गया है। मंसूरचक के सभी मंडपों में भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव के बाद भगवान को छप्पन भोग लगाने उपरांत श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण का प्रावधान निहित है।

वही सभी मंडपों में मेला का उद्घाटन 20 अगस्त को अतिथियों के द्वारा संपन्न होगा ।तब से चार दिवसीय मेला भव्यता पूर्वक शुरुआत होगी। जिसकी तैयारी मेला समिति एवं प्रशासनिक स्तर से संयुक्त रूप के आधार पर मेला की संपूर्ण विधि व्यवस्था एवं सुरक्षा को देखते हुए थानाध्यक्ष रंजन कुमार ठाकुर के निगरानी में चाक-चौबंद प्रबंध व्यवस्था की गई है। साथ ही तीसरी आंख सीसी टीवी कैमरा के माध्यम से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।आपातकालीन स्थिति में श्रद्धालुओं को प्राथमिक चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी रचना के नेतृत्व में अस्पताल में मेडिकल टीम डॉक्टर के साथ स्वास्थ्य कर्मियों की टीम लगाई गई है।

पुलिस प्रशासन के द्वारा मेला के बाहरी द्वार पर बैरिकेडिंग एवं वाहन पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है। मेले में वाहन का प्रवेश पूर्ण तरह से निषेध है। लेकिन जन्माष्टमी के पूर्व संध्या से पहले मेन मार्ग अन्य दिन की अपेक्षा ज्यादा जाम लगने से लोगों का आवागमन घंटों प्रभावित रहा। वही रुक रुक कर हो रही बारिश से कारीगरों एवं दुकानदारों को दुकान लगाने में थोड़ी परेशानी हुई। बावजूद पूरे मंसूरचक, समसा चौक की साज-सज्जा अभी से ही आकर्षक और मनमोहक दृश्य में परिवर्तित होती जा रही है।

वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी धूमधाम से मनाने की संपूर्ण तैयारी के साथ ही महिला श्रद्धालुओं द्वारा अष्टमी के अवसर पर निर्जला व्रत रखकर रासबिहारी के भक्ति में लीन देखा गया।समसा ठाकुरबाड़ी, मकदमपुर ठाकुरबाड़ी, मंसूरचक ठाकुरबाड़ी, दशरथपुर ठाकुरबाड़ी, गणपतौल ठाकुरबाड़ी, सलेमपुर ठाकुरबाड़ी, नवटोल ठाकुरबाड़ी से लेकर घरों तक गुंजायमान हुआ जय कन्हैयालाल की ।