बछवाड़ा : देर रात मनरेगा का काम जेसीबी से कराने पर भड़के ग्रामीण, रोका काम
बेगूसराय जिले के बछवाड़ा प्रखंड स्थित रानी-1 में मनरेगा योजना अंतर्गत संचालित कार्यों में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती जा रही है। गुरुवार को देर रात मनरेगा योजना में जेसीबी मशीन के उपयोग को देख ग्रामीणों ने इसका जबरदस्त तरीके से विरोध किया। बताते चलें कि उक्त पंचायत के वार्ड संख्या 10 स्थित महादलित टोला के समुदायिक शौचालय के चारों तरफ समतलीकरण कार्य (वर्क कोड 0517009010/LD/20411940) संचालित हो रही है। जहां 26 मई 2024 को कार्य स्थल पर ट्रैक्टर से मिट्टी डालने का कार्य शुरू हुआ। जबकि उक्त तिथी से पुर्व हीं सम्भवतः मास्टर रौल की तिथि समाप्त हो चुका था। कार्य स्थल पर बोर्ड भी नहीं लगाया गया था। इसपर ग्रामीणों के विरोध के बाद योजना बोर्ड स्थल पर अगले दिन लगाया गया। तत्पश्चात कर्ई दिनों तक ट्रैक्टर से मिट्टी डाला गया, कभी कोई मजदूर का इस्तेमाल कार्य स्थल पर नहीं किया गया।
गुरुवार को रात्रि में उक्त कार्य स्थल पर ट्रैक्टर से डाले गए मिट्टी के ढेर को जेसीबी मशीन से समतलीकरण किया जा रहा था। जहां पहुंच कर ग्रामीणों ने कार्य स्थल पर कार्य कर रहे जेसीबी मशीन का जबरदस्त तरीके से विरोध किया और विडियो बनाकर मोबाइल पर इसकी सूचना तत्क्षण हीं कार्यक्रम पदाधिकारी बछवाड़ा, जे.ई मनरेगा और सम्बंधित रोजगार सेवक को दिया। ग्रामीणों ने बताया कि उक्त कार्य स्थल पर कभी कोई मजदूर का इस्तेमाल नहीं किया गया है बल्कि मजदूरों की हकमारी कर मशीनों का इस्तेमाल किया गया है।
जिसकी नियमानुसार मजदूरों को अपने गांव में हीं कार्य उपलब्ध कराने एवं उन्हें 100 दिन प्रति वर्ष रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना चलाई जा रही है। मगर रानी एक पंचायत के मनरेगा कार्यशैली के वास्तविकता को देखा जाए तो मनरेगा नियमों को ठेंगा दिखाने एवं सरकारी कार्यशैली को बदनाम करने जैसा प्रतीत होता है। साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा के उक्त कार्यशैली की शिकायत जब मुखिया से किया जाता है तो वह विफर पड़ते हैं, और शिकायतकर्ता को हीं हरिजन एक्ट में फंसाने की धमकी देने लगते हैं। ग्रामीण राकेश यादव, ओमप्रकाश यादव, अजीत कुमार, रविन्द्र कुमार, विक्कु कुमार , विक्की यादव समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि मामले को लेकर मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी को आवेदन देकर शिकायत किया गया है। दोषी लोगों पर कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में हम ग्रामीण उग्र आन्दोलन को बाध्य होंगे।