नगर परिषद तेघड़ा व बरौनी में आरक्षण रोस्टर जारी होते ही बढ़ी सरगर्मी

तेघरा ( बेगूसराय) नगर पंचायत से हुए उत्क्रमित नगर परिषद तेघड़ा व नवगठित नगर परिषद बरौनी के लिए वार्ड बार वोटर सूची प्रकाशित होते ही राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। तेघड़ा नगर परिषद के मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद का पद अनारक्षित महिलाओं के लिए वही बरौनी नगर परिषद के मुख्य पार्षद एवं उप पार्षद का सीट पिछड़ा वर्ग अन्य के लिए आरक्षित किया गया है।

बरौनी के कुल 31 वार्ड में से 2 वार्ड अनुसूचित जाति के लिए जिसमें वार्ड संख्या 12 अनुसूचित जाति महिलाओं के लिए तथा वार्ड संख्या 17 अनुसूचित जाति अन्य के लिए सुरक्षित किया गया है। वही पिछड़ा वर्ग के लिए कुल 6 वार्ड रिजर्व किया गया है जिसमें वार्ड संख्या 3,7 और 19 अति पिछड़ा वर्ग महिलाओं के लिए वही वार्ड संख्या छह 14 और 20 पिछड़ा वर्ग अन्य के लिए सुरक्षित किया गया है। वही कुल 23 वार्ड अनारक्षित घोषित किए गए हें। जिसमें वार्ड संख्या 5 ,6 ,8 ,9 15 ,16 ,18 ,21 ,23 ,25 ,26, कुल 11 वार्ड अनारक्षित महिलाओं के लिए वही वार्ड संख्या 1,2 ,10 ,11, 13 ,22 ,24 ,27 ,28, 29, 30 ,31 कुल 12 वार्ड अनारक्षित अन्य घोषित हुए हें।

वही तेघड़ा नगर परिषद के कुल 28 वार्ड के लिए जारी आरक्षण रोस्टर में 2 वार्ड अनुसूचित जाति के लिए जिसमें वार्ड संख्या 1 अनुसूचित जाति महिला एवं वार्ड संख्या 16 अनुसूचित जाति अन्य के लिए सुरक्षित है। वही कुल 5 वार्ड पिछड़ा वर्ग के लिए जिसमें वार्ड संख्या 5 और 27 पिछड़ा वर्ग महिला के लिए वही वार्ड संख्या 4 ,12 और 18 पिछड़ा वर्ग अन्य के लिए लिए आरक्षित है।

वही अनारक्षित के लिए कुल 21 वार्ड जिसमें 10 अनारक्षित महिलाओं के लिए वार्ड संख्या 9 ,10 ,11, 14 ,15, 17 ,20 ,21 ,23 एवं 26 तथा अनारक्षित अन्य के लिए कुल 11 वार्ड जिसमें वार्ड संख्या 2 ,3,6,7 ,8,13, 19 ,22 ,24 ,25 एवं 28 घोषित है। मतदाता सूची व आरक्षण रोस्टर सूची के प्रकाशन के साथ ही चुनावी बिसात बिछ ने लगी है।कोई पत्नी तो कोई मां को चुनाव लगाने की कवायद में जुट गए हें। तेघड़ा नगर परिषद के मुख्य व उप मुख्य पार्षद के रोस्टर में बदलाव के साथ ही पूर्व वार्ड पार्षदों के वार्ड में भी आरक्षण रोस्टर से समीकरण बदल गया है। जिसको लेकर उनकी परेशानी भी बढ़ गई है। इस बार कुछ नियम में बदलाव भी किए गए हें।

इस बार मतदाता मुख्य व उप मुख्य पार्षद का चुनाव के लिए सीधे मतदान करेंगे। चुनाव को लेकर गठित कोषांग से नगर परिषद के कर्मियों को अलग रखा गया है। अब चुनाव को लेकर क्षेत्रों में चुनावी तापमान का पारा तेजी से चढ़ने लगा है । कोई नगर के विकास तो कोई राजनीतिक और जातीय समीकरण को चुनावी फैक्टर मान रहा है।