BSNL 10 हजार टावरों को बेचेगी, 4000 करोड़ रुपये तय की कीमत.. जानें –

डेस्क : केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए BSNL ने 10 हजार टावरों को बेचने की योजना बनाई है. सरकारी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर ने टॉवरों की किमत 4000 करोड़ रुपये तय की है. उसने बिक्री की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए KPMG को फाइनेंशियल एडवाइजर के तौर पर रखा है.

मुंबई और दिल्ली को छोड़कर देश कई हिस्से में दूरसंचार सेवाएं देने वाले BSNL के पास 68 हजार टेलीकॉम टावर हैं. यह सिर्फ उन टावरों को बेच रहा है जिनके पास JIO और एयरटेल जैसे थर्ड पार्टी के दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ को-लोकेशन की व्यवस्था मौजुद है.

कॉन्टैक्ट किए जाने पर BSNL ने कोई टिप्पणी नहीं की. KPMG ने कहा कि वह कंपनी के मामलों पर टिप्पणी नहीं करेगी. इंडस्ट्री पर नजर रखने वालों का कहना है कि ब्रुकफील्ड के स्वामित्व वाला डेटा इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट टावर खरीद सकता है. उसने 2019 में रिलायंस JIO के 130,000 से अधिक टावरों को अधिग्रहित किया था. आंशिक तौर से एयरटेल के स्वामित्व वाला इंडस टावर्स भी इसमें रुचि दिखा सकता है.

आपको बता दें कि, BSNL का टॉवर पोर्टफोलियो देश में सबसे बेहतर है. उसके 70 फीसदी टावर फाइबरो से लैस हैं और 4G और 5G सर्विस मुहैया कराएगी. NMP लक्ष्य के तहत BSNL को फाइनेंशियल ईयर 2025 तक 13,567 टावर और दिल्ली और मुंबई में सर्विस मुहैया कराने वाली MTNLको 1,350 टावर बेचने हैं. कुल मिलाकर, दोनों सरकारी स्वामित्व वाली टेलीकॉम कंपनियां चरणबद्ध तरीके से 14,917 टावर बेचने वाली है..

टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने BSNL के लिए 1.64 लाख करोड़ रुपये के रिवाइवल पैकेज का ऐलान किया था . इसमें स्पेक्ट्रम बकाया को इक्विटी में बदलना, कैपेक्स सपोर्ट, सॉवरेन गारंटी सपोर्ट के साथ डेट रिस्ट्रक्चरिंग और ग्रामीण वायरलाइन ऑपरेशन के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग मौजुद है.

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण द्वारा 19 जुलाई को जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक , 31 मई, 2022 तक प्राइवेट सेवा प्रदाताओं के पास वायरलेस उपभोक्ताओं की 89.87 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी शामिल है, जबकि दोनों PASU सेवा प्रदाताओं BSNL और MTNL की बाजार हिस्सेदारी केवल 10.13 प्रतिशत थी. सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार सेवा प्रदाता पर बैंक ऋण के रूप में 33,000 करोड़ रुपये मौजुद हैं.