क्या था स्कूल में Dhoni का फेवरेट सब्जेक्ट, उनके अधूरे सपने? खुद Mahi ने खोला राज, देखें – वीडियो

MS Dhoni – भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी(MS Dhoni) क्रिकेट जगत में एक बड़ा नाम है. वह एक ऐसा नाम है, जिसने क्रिकेट की दुनिया में कई मुकाम हासिल किए. भारतीय फैंस को जश्न मनाने के कई मौके दिए. टी20 और वनडे दोनों प्रारूपों में वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया.

आईसीसी की तीनो ट्रॉफी जीतने वाले पूर्व कप्तान एमएस धोनी का एक सपना अधूरा रह गया. इस बारे में पूर्व कप्तान ने खुद ही बताया. साथ ही उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया है कि उनके स्कूल में उनका पसंदीदा विषय कौन सा था.

सचिन रहे रोल मॉडल- पूर्व कप्तान कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) ने इस बात का खुलासा किया कि वह बचपन से ही क्रिकेट के महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के फैन थे. उन्होंने सचिन को देखकर ही क्रिकेट में आने का सोचा और वह उनकी तरह खेलना चाहते थे.

धोनी ने कहा कि क्रिकेट में उनके रोल मॉडल सचिन है और वे उनसे ही प्रेरित हैं. वह उनकी तरह बल्लेबाजी करना चाहते थे. हालांकि सचिन तेंदुलकर और धोनी की बल्लेबाजी का स्टाइल, बैटिंग ऑर्डर और रिकॉर्ड एक-दूसरे से काफी अलग रहा. सचिन और धोनी ने साथ मिलकर टीम इंडिया के लिए 70 टेस्ट, 117 वनडे और एक टी-20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबला खेला है.

एक सपना रह गया अधूरा- पूर्व कप्तान एमएस धोनी का उनकी आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स ने एक वीडियो शेयर किया है. वह बच्चों से बातचीत कर रहे हैं. बात करते हुए उन्होंने कहा,‘मेरा रोल मॉडल सचिन तेंदुलकर रहे. जब मैं आपकी तरह था और सचिन को खेलते हुए देखता था तब मैं भी उनकी तरह खेलना चाहता था. बाद में मुझे इस बात का एहसास हुआ कि मैं उनकी तरह नहीं खेल सकता हूं. हालांकि मैं हमेशा उनकी तरह खेलने का सपना देखता था. मैंने इस बारे में सोचा था.”

क्या था Dhoni का फेवरेट सब्जेक्ट- इसी दौरान जब धोनी से एक बच्ची ने उनके स्कूल का फेवरेट सब्जेक्ट पूछा तो पहले पूर्व कप्तान हंसने लगे. बाद में उन्होंने जवाब दिया, ‘क्या स्पोर्ट्स एक सब्जेक्ट के तौर पर क्वालीफाई करता है.’ उनके इस जवाब को सुनकर बच्चे शोर मचाने लगे. CSK ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर यह वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा, “थाला का फेवरेट पीरियड पीटी (Physical Training) है.” स्कूल में बच्चों को खेल-कूद के लिए जो पीरियड मिलता है, उसे पीटी कहते हैं.