आखिर Train के इंजन में 3 लाइट क्यों होती है? जानें- सभी के अलग-अलग कार्य….

Indian Railway : भारतीय रेलवे में कई तरह के ऐसे चिह्न या सिग्नल होते है जिनका अपना अलग मतलब होता है और उनका खास तौर पर प्रयोग किया जाता है। इन सभी सिग्नलों के बारे में रेलवे कर्मचारियों को पता होना जरूरी है।

इसी तरह रेलवे में लोकोमोटिव होता है जिसमें अलग-अलग लाइटों का इस्तेमाल होता है। इसमें दिए गए ‘लोको’ शब्द का मतलब होता है एक जगह से और इस लैटिन शब्द का इस्तेमाल पहली बार 1814 में किया गया था।

दरअसल, आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि लोकोमोटिव का इस्तेमाल स्थिर भाव इंजन (Train) और ऑटोमेटिक इंजन में अंतर दिखाने के लिए किया जाता है। इसी तरह भारतीय रेलवे (Indian Railway) में भी एक लोकोमोटिव होता है जो एक इंजन या रेल व्हीकल है जो ट्रेन को स्पीड देता है। इस लोकोमोटिव पर अलग-अलग जगह अलग-अलग लाइटों का इस्तेमाल किया जाता है।

लेकिन, अब रेलवे ने लोकोमोटिव में बदलाव किया है और अब नए लोकोमोटिव में हेड लाइट को ऊपर की जगह बीच में जगह दी गई है। इसी तरह लोकोमोटिव के आगे आपको कई तरह की लाइट दिखेगा और इन सभी लाइटों का मतलब भी अलग-अलग होता है। आइए आपको बताते हैं कि इन रंग बिरंगी लाइटों का इस्तेमाल कैसे और किसके लिए किया जाता है?

3 तरह की होती है लाइट

इसमें एक हेडलाइट, एक सफेद रंग की लाइट और एक लाल रंग की लाइट होती है। लोकोमोटिव में दी गई ये तीन तरह की लाइट इंडिकेशन के काम में आती हैं। पहले लोकोमोटिव में हेडलाइट सबसे ऊपर होती थी लेकिन नए अवतार में इस बीच में कर दिया गया है।

इस लाइट को बीच में इसलिए किया गया है ताकि लोको पायलट को परेशानी ना हो, क्योंकि जब यह हेडलाइट ऊपर होती थी तो ड्राइवर को रिफ्लेक्शन के कारण देखने में परेशानी होती थी। इसके बाद जब बरसात के दिनों में पानी की बूंदे लाइट पर पड़ती थी तो वह अपने आप चमकती थी।

350 मीटर की दूरी तक पड़ती है लाइट

लोकोमोटिव में दी जाने वाली हेडलाइट से लोको पायलट 350 मीटर की दूरी तक देख सकता है। इसमें दो लाइट दी जाती है जो Parellel होती हैं और एक दूसरे से जुड़ी होती है। अगर किसी कारण से एक बल्ब खराब हो जाता है तो दूसरे बल्ब की रोशनी से लोको पायलट आगे बढ़ता है।

लाल और सफेद लाइट में अंतर

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लोकोमोटिव में लाल और सफेद रंग की लाइट भी होती है जो बड़े काम की होती है। अगर लोकोमोटिव में लाल लाइट जल रही है तो इसका मतलब है कि लोकोमोटिव को शटिंग की उलटी दिशा में चलाया जा रहा है और रेलवे कर्मचारियों को पता चल जाए कि लाल लाइट जलने से लोकोमोटिव उल्टी दिशा में शटिंग कर रहा है। इसके अलावा सफेद लाइट को शटिंग को आगे की तरफ ले जाते हुए जलाया जाता है।