Railway Fare : क्यों कम लगता है ट्रेन किराया?टिकट पर ही लिखा होता हैं वजह, जानिए-

Railway : भारतीय रेलवे को दुनिया का सबसे सस्ता और सुलभ साधन माना जाता है। अगर आपको लंबी दूरी की यात्रा करनी हो तो रेलवे (Railway) ही सबसे उत्तम साधन माना जाता है। देखा जाए तो फ्लाइट में यात्रा करना हर किसी के बस की बात नहीं है.

क्योंकि यह काफी महंगा हो जाता है। इसके साथ ही रेलवे द्वारा किराया भी कम लिया जाता है इसलिए भी यह सबसे पसंदीदा साधन है। देश में अधिकतर लोग रेलवे में सफर करते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि इसका किराया बस की तुलना में कम क्यों होता है? आइये आज आपको बताते हैं कि रेलवे द्वारा ट्रेन टिकट पर इतनी ज्यादा छूट क्यों दी जाती है?

बस से 5 गुना सस्ता है ट्रेन किराया

गर आप दिल्ली से मुंबई जाना चाहते हैं तो दो बड़े महानगरों के बीच सीधी बस सेवा आपको नहीं मिलेगी। ऐसे में आपको बस बादल कर वहां तक जाना होगा। इसके अलावा दिल्ली से मुंबई के 1400 किलोमीटर तक के सफर के लिए आपके करीब ₹3000 खर्च करने पड़ सकते हैं।

लेकिन आप किसी मेल या सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन में स्लीपर कोच में सफर कर रहे है तो आपको 600 रुपये देने होंगे। यानी कि बस किराये से 5 गुना कम किराया देना होगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि रेलवे (Railway) की तरफ से इतना कम किराया कैसे लिया जाता है? इसकी वजह रेलवे द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी या रियायत है। आइये जानते है इसके बारे में…..

टिकट पर लिखी होती है इसकी वजह

यात्रियों को टिकट किराया में रेलवे 57 फीसदी तक सब्सिडी देता है और आने वाले खर्च को खुद उठाता है।ट्रेन टिकट पर भी इसका कारण लिखा हुआ होता है। ट्रेन टिकट पर लिखा होता है कि IR recovers only 57% of cost on an average, इसका मतलब आपको 57 फीसदी तक सब्सिडी दी गई है। अब आप समझ गए होंगे कि रेलवे इतना कम किराया क्यों लेता है?

रेल मंत्री ने बताया कि साल 2019-20 में रेलवे ने यात्री टिकटों पर 59,837 रुपये की यानी करीब 53 फीसदी की सब्सिडी दी थी। इसके अलावा बताया गया कि रेलवे (Railway) ज्यादातर कमाई रेल किराये से नहीं बल्कि माल भाड़े से होती है।

वित्त वर्ष 2022-23 की रिपोर्ट में भारतीय रेलवे ने 2.40 लाख करोड़ का रिकॉर्ड रेवेन्यू दर्ज किया, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना 49,000 करोड़ ज्यादा है। इसमें रेलवे ने माल ढुलाई से 1.62 लाख करोड़ रुपये कमाए।