Local Train के ड्राइवर को नहीं कहा जाता है लोको पायलट? आज जान लीजिए असली नाम..

EMU : अधिकतर लोगों को इस बात का पता होता है की ट्रेन चलाने वाले ड्राइवर को लोको पायलट कहा जाता है। चाहे लोगों को इस बात का पता नहीं हो कि उसे लोको पायलट क्यों कहते हैं लेकिन इस पोस्ट के बारे में लोगों को जानकारी जरूर होती है।

लेकिन क्या आपको इस बात का पता है कि लोकल ट्रेन के ड्राइवर या चालक को किस नाम से पुकारा जाता है? आपकी जानकारी के लिए बता दें लोकल ट्रेन का ड्राइवर को लोको पायलट नहीं कहते हैं बल्कि उनकी पोस्ट या ग्रेड किसी पैसेंजर ट्रेन के मुख्य चालक के बराबर ही होती है।इन्हे भी ग्रेड-ए में ही रखा जाता है, लेकिन उनके उपाधि अलग-अलग होती है।

जब रेलवे द्वारा लोको पायलट और मोटरमैन की भर्ती निकाली जाती है तो उन्हें एक ही कैटेगरी में रखा जाता है।लेकिन इनका नाम अलग-अलग पुकारा जाता है। आखिर इनका नाम अलग-अलग क्यों होता है इसका जवाब भी ट्रेन के अंदर ही छुपा हुआ है। शायद आपको इसके बारे में पता नहीं होगा। लेकिन इसमें घबराने कोई बात नहीं है कि आज हम आपको इन दोनों के बीच का अंतर बताने वाले हैं।

लोको पायलट क्यों?

सबसे पहले हम आपको बता रहे हैं की लंबी दूरी तक चलने वाली ट्रेन का ड्राइवर को लोको पायलट क्यों कहते हैं? आपको बता दे की लंबी दूरी के लिए चलने वाली ट्रेन को खींचने के लिए इंजन होता है जिसे लोकोमोटिव इंजन कहा जाता है।

पहले यह इंजन भाप की मदद से चलाया जाता था लेकिन अब इसे डीजल या बिजली की मदद से चलाया जाता है। इस इंजन को लोकोमोटिव इंजन कहा जाता है इसलिए इसके ड्राइवर को लोको पायलट कहा जाता है। लेकिन लोकल ट्रेन में कोई भी लोकोमोटिव इंजन अलग से लगा हुआ नहीं होता है।

क्यों कहते हैं मोटरमैन?

इसी तरह किसी लोकल ट्रेन DMU या MEMU ट्रेन को चलाने के लिए किसी प्रकार का इंजन नहीं होता है। इसमें हर तीन डिब्बे के बाद एक इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन मोटर लगी हुई होती है जो ट्रेन को धक्का मारने या खींचने का काम करती हैं।

दरअसल, इस ट्रेन को चलाने का काम मोटर के द्वारा किया जाता है इसलिए ट्रेन के पायलट को मोटरमैन कहा जाता है। हालांकि मोटरमैन की सैलरी और अन्य भत्ते व सुविधाएं लंबी दूरी की ट्रेन के लोको पायलट के बराबरी होती है।