Indian Railway Facts : एक ट्रेन जब किसी रेलवे स्टेशन से दूसरे रेलवे स्टेशन के लिए चलाई जाती है तो उसके पीछे एक दो नहीं बल्कि कई लोगों का हाथ होता है. कई कर्मचारी मिलकर कड़ी मेहनत के बाद अलर्ट मोड़ के साथ सुरक्षित स्थान तक उसे ट्रेन को पहुंचते हैं.
इतना ही नहीं इस बीच महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लोको पायलट को भी कैसे भूल जा सकता है. जो नेता की तरह इस ट्रेन का नेतृत्व कर ट्रेन को लाखों टन माल के साथ और हजारों यात्रियों को एक स्थान से सुरक्षित दूसरे स्थान तक पहुंचना है.
लोको पायलट को अक्सर लोग यही समझते हैं कि वह केवल ट्रेन में बैठा रहता है और उसका काम केवल ट्रेन के इंजन में ही बैठना होता है. लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दे की ट्रेन को शुरू होने से पहले उस लोको पायलट को एक जरूरी टेस्ट देना होता है और उसके बाद उसे इजाजत मिलती है कि वह लोको पायलट क्या करेगा तो आए जानते हैं कि लोको पायलट को क्या-क्या काम दिया जाता है?
इस टेस्ट को करना होता है पास
दरअसल, आज जब कोई लोको पायलट किसी ट्रेन को ले जाने के लिए तैयार होता है तो उसे कई जरूरी औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं. जिसमें अटेंडेंस संबंधी काम शामिल है. इसके अलावा उस ट्रेन के रूट मैप की भी पूरी जानकारी बताई जाती है इसके अलावा उसका और मौके पर अल्कोहल टेस्ट लिया जाता है. जिसमें पास होने के बाद उसे उसे ट्रेन को शुरू करने के लिए इजाजत दिया जाता है.
क्या क्या काम ?
- किसी भी लोको पायलट की जिम्मेदारी होती है कि वह ट्रेन चलाने से पहले अच्छी तरीके से उसे ट्रेन के इंजन को चेक कर ले.
- ट्रेन शुरू करने से पहले इंजन के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा करना लोको पायलट की जिम्मेदारी होती है.
- इस तरह लोको पायलट को ट्रेन के इंजन के अंदर से लेकर बाहर तक की जानकारी का पड़ताल करना होता है.
- लोको पायलट की जिम्मेदारी होती है कि सिग्नल पॉइंट ट्रेन को कंट्रोल करना ट्रेन की स्पीड को कम करना.