Friday, July 26, 2024
Railway News

Free Train : यहाँ ट्रेन में बिना टिकट करें यात्रा- रेलवे 75 साल से मुफ्त सफर करा रही है…

Free Train Rides In India – आप चाहे देश के किसी भी ट्रेन में सफर करें आपके पास सफर करने के लिए एक वैध टिकट होना जरूरी है, वरना आपको कानूनन जुर्माना देना पड़ेगा। इसके अलावा आपको जेल की हवा भी खानी पड़ सकती हैं। लेकिन आज हम आपको बताने वाले हैं देश की एक ऐसी ट्रेन के बारे में जिसमें सफर करने के लिए आपको टिकट की जरूरत नहीं पड़ेगी।

इस ट्रेन में चढ़ने के बाद आपको शिवालिक की पहाड़ियों में खूबसूरत सफर करने का आनंद मिलेगा। इसमें ना तो कोई TTE आपकी टिकट चेक करेगा और नहीं किसी स्टेशन पर टिकट मांगी जाएगी। यह ट्रेन चलती है नंगल से भाखड़ा बांध तक। इस ट्रेन का नाम है भाखड़ा-नंगल ट्रेन (Bhakra-Nangal Train) है।

आपको बता दे कि पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर नांगल से भाखड़ा तक यह ट्रेन चलाई जाती है जिसमें आपको टिकट लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 13 किलोमीटर लंबी चलने वाली इस ट्रेन में लोग पिछले 75 सालों से मुफ्त में सफर कर रहे हैं।

इसकी सबसे खास बात यह है कि इस ट्रेन का मालिकाना हक़ रेलवे के पास नहीं है बल्कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के पास है। मुख्य रूप से इस ट्रेन का इस्तेमाल डैम से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों को बांध तक लाने वाले जाने का काम किया जाता है। लेकिन आम इंसान इसमें फ्री में सफर कर सकता है।

काफी फेमस है ये ट्रेन

ट्रेन 13 किलोमीटर का सफर शिवालिक की पहाड़ियों में करती है और ये सतलुज नदी को पार करते हुए चलती है। इसलिए आज भी लोग इस ट्रेन से सफर करते हैं क्योंकि यह नांगल से चलकर भाखड़ा बांध तक जाती है। इस ट्रेन को बॉलीवुड की फिल्म में भी दिखाया गया है। सुपरस्टार राजेश खन्ना की फिल्म “चलता पुरज़ा” में इसकी झलक दिखी थी।

1948 से चल रही है ट्रेन

भाखड़ा नांगल को दुनिया में सबसे ऊंचे बांध के रूप में जाना जाता है। इसलिए दूर-दूर से लोग इसे देखने आते हैं। इस रेल मार्ग पर सन 1948 में रेल सेवा शुरू हुई थी। नांगल से भाखड़ा बांध तक जाने को उस समय कोई साधन नहीं था। इसलिए यहां रेलवे लाइन बिछाई गई थी।

कराची में बने थे कोच

शुरुआत में इस ट्रेन को भाप की इंजन से चलाया गया और इसके कोच कराची में बने हुए हैं। इसकी सीट भी कुछ अलग तरीके से बनी हुई है। लेकिन इसके बाद 1953 में अमेरिका से लाये गए 3 आधुनिक इंजन इसमें जोड़ गए। तब से भारतीय रेलवे ने इंजन के 5 वेरिएंट लॉन्च किए हैं, लेकिन इस अनूठी ट्रेन के 60 साल पुराने इंजन आज भी उपयोग में हैं।

यह ट्रेन प्रतिदिन प्रति घंटे 18 से 20 गैलन ईंधन का उपयोग करती है। दैनिक यात्री, बीबीएमबी कर्मी, छात्र और इसे देखने के लिए पहुंचने वाले लोग अभी भी नंगल बांध नदी के किनारे स्थापित रेलवे ट्रैक पर निःशुल्क यात्रा कर सकते हैं।

Durga Partap

दुर्गा प्रताप पिछले 1 सालों से बतौर Editor में के रूप में thebegusarai.in से जुड़े। इन्हें बिजनेस, ऑटोमोबाइल्स और खेल जगत से जुड़ी खबरे को गहराई से लिखने में काफी दिलचस्पी है। पिछले 5 साल से वह कई समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में लगातार योगदान देते रहे हैं। दुर्गा ने MDSU से BCA की पढ़ाई पूरी की है।