Indian Railway : ट्रेन के ‘मिडिल बर्थ’ पर सोने के बदल गए नियम, जानें- नया ये नियम..

सुमन सौरब
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Rules For Sleeping Middle Berth Train : ट्रेन में सफर करने पर हर किसी को मजा आता है. वैसे भी भारतीय रेलवे धीरे-धीरे ट्रेन के सभी कोच में आधुनिक सुविधाएं देने लगी है. जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि ट्रेन में सफर करने के लिए यात्रियों को पहले रिजर्वेशन करवाना पड़ता है. हालांकि, जनरल टिकट आप कभी भी ले सकते हैं.

ट्रेन सफर के दौरान समस्या तब उत्पन्न हो जाती है. जब रिजर्वेशन करवाने के बाद यात्री को ‘मिडिल बर्थ’ मिल जाता है. ऐसे में ‘मिडिल बर्थ’ के यात्रियों को सिर्फ रात के समय सोने के लिए मिलता है. दिनभर उस यात्री को ‘लोअर बर्थ’ पर ही बैठना पड़ता है. लेकिन क्या आप जानते हैं ‘मिडिल बर्थ’ के यात्री अपने सीट पर कितने बजे से लेकर कितने बजे तक सो सकते हैं? आज के इस आर्टिकल में आपको बताएंगे…

बता दे की ट्रेन कोच में ‘मिडिल बर्थ’ ऊपरी और निचली बर्थ के बीच होता है. ऐसे में ‘लोअर बर्थ’ के यात्री को बैठने के लिए इसे दिन में फोल्ड किया सकता है. हालांकि, ‘मिडिल बर्थ’ को कब ओपन करना है और कब बंद करना है इसको लेकर समय निर्धारित किया गया है. रेलवे के नियम के मुताबिक, ‘मिडिल बर्थ’ के यात्री सोने के लिए अपनी बर्थ खोल रख सकते हैं. यह अवधि आमतौर पर रात 10:00 बजे शुरू होती है और सुबह 6:00 बजे खत्म होती है.

अगर ‘मिडिल बर्थ’ के यात्री सुबह 6:00 बजे के बाद इसे मोड़ने से मना करता है, तो इससे अन्य यात्रियों को असुविधा हो सकती है. ऐसे मामलों में अन्य यात्रियों को ‘मिडिल बर्थ’ वाले यात्री से इसे मोड़ने का अनुरोध करने का अधिकार है. अगर ‘मिडिल बर्थ’ वाला यात्री ऐसा नहीं करता है तो इसकी सूचना ट्रेन TTE को दी जा सकती है.

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सुमन सौरब thebegusarai.in वेबसाइट में मार्च 2020 से कार्यरत हैं। लगभग 5 साल से डिजिटल मीडिया में काम कर रहे हैं। बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले हैं। इन्होंने LNMU से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। अपने करियर में लगभग सभी विषयों (राजनीति, क्राइम, देश- विदेश, शिक्षा, ऑटो, बिजनेस, क्रिकेट, लाइफस्टाइल, मनोरंजन आदि) पर लेखन का अनुभव रखते हैं। thebegusarai.in पर सबसे पहले और सबसे सटीक खबरें प्रकाशित हों और सही तथ्यों के साथ पाठकों तक पहुंचें, इसी उद्देश्य के साथ सतत लेखन जारी है।