Double Decker Train : अब देश में शुरू होगी डबल डेकर ट्रेन- ऊपर बैठेंगे यात्री, नीचे होगा सामान….

Indian Railway: देश में जल्द ही एक खास ट्रेन पटरियों पर दौड़ती नजर आएगी, भारतीय रेलवे की इस ट्रेन के ऊपरी डेक पर यात्री बैठकर यात्रा करेंगे और नीचे के डिब्‍बे में लभा लभ सामान भरा होगा. यानी “एक तीर से दो निशाना” वाले कहावत पर काम किया जा रहा है.

दरअसल, यह भारतीय रेलवे (Indian Railway)की एक डबल डेकर ट्रेन (Double Decker Train) है. जिसको रेल कोच फैक्‍टरी (ICF) कपूरथला में तैयार किया जा रहा है. वहीं उम्मीद है कि इसी महीने के अंत तक इसकी ट्रायल भी हो सकती है. सबसे पहले दो डबल डेकर ट्रेन को बनाने की योजना बनाई गई है. ट्रेन के ऊपरी कोच में 46 यात्री आसानी से सफ़र कर सकते है. वहीं नीचे के डिब्‍बे में 6 टन तक समान आसानी से पहुंचाया जा सकेगा.

एक कोच के निर्माण में लगभग 3 करोड़ का खर्च ?

बता दें कि इस Indian Railway टू इन वन डबल डेकर ट्रेन (Double Decker Train) को चलाने की तैयरी कोरोना महामारी के दौरान से ही चल रही है. क्योंकि उस दौरान यात्री का आवागमन बिल्‍कुल ठप हो चुका था.

हालांकि इसकी जानकारी रेल कोच फैक्‍टरी कपूरथला के एक अधिकारी ने साझा करते हुए कहा कि, रेलवे बोर्ड को तीन डिजाइन डिजाइन भेजे गए थे. जिसमे से बोर्ड ने एक को पास कर लिया है. जिसके निर्माण में यानी एक कोच को बनाने में लगभग 2.70 करोड़ से लेकर 3 करोड़ के बीच का खर्च आएगा.

एक ट्रेन में कुल 20 कोच

सूत्रों की माने तो रेलवे की इस योजना की शुरुआत में पहले दो टू इन वन डबल डेकर (Double Decker Train) ट्रेनें चलाने की बात कही जा रही है. जिसमे एक ट्रेन में कुल 20 कोच होंगे, जो करीब 3 करोड़ की लागत से बनाए जायेंगे.

इसके अलावा इन ट्रेनों को कार्गो लाइनर कॉन्‍सेप्‍ट के लिए भी रोल आउट किया जाएगा और इनके लिए जो भी रूट निर्धारित होगा ये उसी रूट पर रेगुलर चलेंगी. वहीं इन ट्रेनों से अलग-अलग तरह के सामान की ढुलाई भी की जायेगी. यानी की जिन दो स्टेशनों के बीच जिस सामान की ढुलाई का ऑर्डर मिलेगा उसे ये डबल डेकर ट्रेन की मदद से वहां तक पहुचाएंगी, जिसके साथ साथ इसी ट्रेन में यात्री भी सफर करेंगे.

पार्सल डिलिवरी पर भी होगा फोकस

इस डबल डेकर ट्रेन को लेकर माना जा रहा है कि, भारतीय रेलवे की इस कदम से पार्सल को लाने और पहुंचने में बड़ी सुविधा मिलेगी और सामान समय का भी काफी बचत होगा. सही समय पर समान की डिलिवर भी किया जा सकेगा.

क्योंकि अभी तक तो यही चल रहा है कि, यात्री पहले पहुंच जाते है लेकिन उनका माल उनके पास कुछ दिनों बाद पहुंचता है. यही वजह होती है कि, उनके समान की डिलिवरी भी सही समय पर नहीं होती और काफी समय की बर्बादी के साथ साथ उनके लगात पर भी भारी बोझ पड़ता है.