Indian Railway : क्या मिडिल बर्थ के लिए कोई समय सीमा है? जानें- रेलवे के ये 8 नियम….

डेस्क: भारतीय रेलवे को देश में लाइफ लाइन कहा जाता है। इसके माध्यम से लोग देश के एक कोने से दूसरे कोने में जाने के लिए आरामदायक सफर कर पाते हैं। रेलवे ने यात्रियों के लिए कई नियम बनाया है। लेकिन कई ऐसी महत्वपूर्ण जानकारियां भी है, जो लोगों तक नहीं पहुंच पाई है।

आज हम रेलवे के वेटिंग टिकट और मिडिल बर्थ के संबंध में चर्चा करेंगे। इससे जुड़े कई ऐसी जानकारियां और नियम है, जिसे जानना आपके लिए बेहद ज़रूरी है। तो आइए जानते हैं।

गंतव्य तक के लिए टिकट न मिलने पर करें ये काम

देश की आधी से ज्यादा आबादी ट्रेन से यात्रा करती है, ऐसे में भीड़ के कारण उन्हें अब तक टिकट नहीं मिल पाता है, लेकिन अगर आप गणपत से 1-2 स्टेशन पहले टिकट लेते हैं तो आपको मिल सकता है। रेलवे का यह नियम यात्रियों के लिए मददगार साबित होता है।

मिडिल बर्थ के लिए क्या हैं नियम?

ट्रेन में मिडिल बर्थ को लेकर कई नियम बनाए गए हैं, दरअसल अगर किसी यात्री को मिडिल बर्थ मिलती है तो वह रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक ही अपनी बर्थ पर जाकर सो सकता है। अगर कोई यात्री समय से पहले मिडिल बर्थ की सीट खोलता है तो उसके बगल वाले यात्री को उसे रोकने का अधिकार है।

ट्रेन छूटने पर करें ये काम

कई बार ट्रेन पकड़ने में देरी हो जाती है जिसके कारण आपकी ट्रेन छूट जाती है। ऐसे में घबराएं नहीं, आपकी आरक्षित सीट बर्बाद नहीं हुई है। टीटीई अगले दो स्टेशनों तक आपकी सीट किसी और को नहीं दे सकता। रेलवे के नियमों के मुताबिक, अगर कोई यात्री अपने बोर्डिंग स्टेशन पर नहीं चढ़ पाता है तो रेलवे उस यात्री के लिए उस सीट को उसके बोर्डिंग स्टेशन से अगले दो स्टेशनों तक रिजर्व कर लेता है।

इतने समय के बाद नहीं आ सकता टीटीई

दरअसल रात के 10 बजे के बाद टीटीई टिकट चेक कर यात्रियों को नहीं जगा सकता है। यह रेलवे के नियमों में से एक है। यह समय यात्रियों। के लिए आराम का होता है। इसके अलावा कोच में नाइट लाइट को छोड़कर सभी लाइटें बंद करनी होंगी ताकि यात्री आराम कर सकें।

रेलवे में सामान ले जाने की सीमा क्या है?

बता दें कि फ्लाइट की तरह भारतीय रेलवे में सामान की भी सीमा होती है। एसी कोच रिजर्वेशन के लिए आप अधिकतम 70 किलोग्राम, स्लीपर क्लास में 40 किलोग्राम और सेकेंड क्लास में 35 किलोग्राम सामान ले जा सकते हैं। जबकि एसी क्लास में आप 150 किलो, स्लीपर में 80 किलो और सेकंड सिटिंग में 70 किलो बैग और सामान अतिरिक्त लगेज चार्ज के साथ ले जा सकते हैं।

क्या वेटिंग लिस्ट टिकट पर हो सकती है यात्रा

अगर आप विंडो काउंटर से टिकट खरीदते हैं तो आप वेटिंग लिस्ट टिकट के साथ यात्रा कर सकते हैं। हालांकि, ई-टिकट यानी ऑनलाइन बुक किए गए वेटिंग लिस्ट टिकट वाले यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने की अनुमति नहीं है। वेटिंगलिस्ट वाले ई-टिकटों का रिफंड चार्ट तैयार होने के बाद किया जाता है। अगर आप वेटिंग लिस्ट टिकट पर ट्रेन में यात्रा करते पकड़े गए तो आपको बिना टिकट माना जाएगा।

चैन पुलिंग को लेकर नियम

भारतीय रेलवे के नियम कहते हैं कि अलार्म चेन को केवल आपातकालीन स्थिति में ही खींचने की जरूरत है, जैसे कि कोई मेडिकल इमरजेंसी, यात्री सुरक्षा के लिए खतरा, कोई दुर्घटना, या अगर कोई बच्चा, बुजुर्ग या विकलांग व्यक्ति या कोई साथी लावारिस रह गया हो। आपातकालीन स्थिति को छोड़कर चेन खींचने पर आप पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।