Train में बैठने से पहले जान लें कितनी तरह की होती हैं सीटें? कहीं आप भी खा रहे हो धोखा!

Indian Railway : भारत में अधिकतर लंबी दूरी की यात्राओं के लिए लोग ट्रेन (Train ) में सफर करना पसंद करते हैं। ट्रेन में सफर करने का मजा ही कुछ अलग है और यह काफी आरामदायक भी होता है। आप ट्रेन में सफर करते हुए ही गांव के खेत, पहाड़, नदी, झरने आदि देख सकते है और रोमांचक सफर का मजा ले सकते है।

इसी तरह भारत में करोड़ों लोग रोजाना ट्रेन का सफर करते हैं लेकिन जब उन्हें सीट बुक करनी होती है तो समझ में नहीं आता कि कौन सी सीट बुक करनी चाहिए? अगर आप भी ट्रेन का सफर करते हैं और टिकट बुकिंग करते समय आपको सीट का पता करने में परेशानी होती है तो इस आर्टिकल में हम आपको ट्रेन की सीट के प्रकार बता रहे है।

अपर बर्थ

ट्रेन के स्लीपर कोच में 5 तरह की सीटें होती हैं जिनमें सबसे ऊपर की सीट अपर बर्थ कहलाती है। ऊपर की सीट बुजुर्गों को बहुत कम दी जाती है क्योंकि उन्हें ऊपर चढ़ने में और बैठने में परेशानी होती हैं। इसलिए अधिकतर अपर बर्थ युवाओं को ही दी जाती है।

मिडिल बर्थ

अपर बर्थ और लोअर बर्थ के बीच वाली सीट को मिडिल बर्थ कहते है और जानकार लोग इसे बहुत कम बुक करते है क्योंकि इस पर बैठने-उठने में मुश्किल होती है। आप इस सीट पर लेटकर ही जा सकते है, इसलिए ये सीट अधिकतर मिडिल ऐज या 35-40 साल के लोगों को दी जाती है।

लोअर बर्थ

स्लीपर कोच में सबसे नीचे और पहली सीट को लोअर बर्थ कहते है। ये सीट रेलवे द्वारा बुजुर्गों या महिलाओं को ही दी जाती है।

साइड अपर और साइड लोअर

ट्रेन के स्लीपर कोच में अपर, मिडिल और लोअर बर्थ के अलावा साइड अपर और साइड लोअर बर्थ भी होती है। रेलवे द्वारा साइड लोअर बुजुर्गों को दी जाती है जबकि साइड अपर 35-40 साल के लोगों को दी जाती है।

AC कोच में कितनी तरह की सीटें

स्लीपर कोच की तरह ही 3rd AC में भी वहीं सीटें होती है। इसके अलावा 2nd AC में मिडिल बर्थ को छोड़कर अन्य सभी सीटें होती है। इसके साथ ही 1st AC में केवल दो सीटें ही मिलेगी। कुछ-कुछ ट्रेनों में चेयर सिटिंग भी देते है।

जनरल कोच या सीट

इसके अलावा जनरल डिब्बे में लोअर और अपर सीट की बुकिंग नहीं कर सकते है। इसमें एक सीट पर 6 से उस लोग बैठ सकते है। इसके अलावा साइड में भी बैठने के लिए ही सीटें दी जाती है।