आखिर बिना स्टेयरिंग के Train कैसे बदल लेती है पटरी, नही जानते है तो आज जान लीजिए..

Indian Railways: जैसे गाड़ियों में स्टेयरिंग होती है और बाइक्स में टायरों की दिशा बदलने के लिए हैंडल होते हैं, ट्रेनों में ऐसा कुछ नहीं होता. इसके बावजूद पटरी बदलकर ट्रेन कैसे पलट जाती है। यह सवाल कई लोगों के मन में आ रहा होगा। ट्रेन जिस तरह से ट्रैक बदलती है उसे इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन नमूना कहा जा सकता है। ट्रेन का ट्रैक बदलने की प्रक्रिया से पहले आपको कुछ बुनियादी बातों के बारे में जानना होगा।

पहली बात तो यह है कि जहां ट्रेन को ट्रैक बदलना होता है, वहां पिछले ट्रैक में 2 ट्रैक और जोड़ दिए जाते हैं। दूसरा, ट्रेन के पहिए ट्रैक को अंदर से पकड़कर चलते हैं। ये दो मुख्य बिंदु हैं जिन्हें समझने की जरूरत है और इनकी मदद से ट्रेन अपना ट्रैक बदलती है। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं।

ट्रेन की पटरी बदली जा रही है : उपरोक्त दो बातों में से पहली को समझने का प्रयास करते हैं। आपने देखा होगा कि 3-4 या इससे ज्यादा ट्रैक एक साथ कहां होते हैं। उनमें से कुछ अचानक दूसरी दिशा में चले जाते हैं। लंबे समय तक तीसरा ट्रैक कहां से आया जहां अप और डाउन रूट का ही ट्रैक था। यह ट्रैक 2 ट्रैक के बीच से शुरू किया गया है। इसे इंटरलॉकिंग कहा जाता है। जिसे आप नीचे वीडियो में देख सकते हैं।

इस तरह एक जगह कुल 4 ट्रैक हो जाते हैं। अब ट्रेन जिस दिशा में जा रही है उसके 2 ट्रैक आपस में चिपका दिए गए हैं। इसे आप ऊपर वीडियो में भी देख पाएंगे। इससे ट्रेन का पहिया दूसरे ट्रैक को जकड़ लेता है। ध्यान रहे कि ट्रैक को अंदर से पकड़कर पहिया चलता है, इसलिए ऐसा होता है। जब ट्रेन नई पटरी पकड़ लेगी तो वह पटरी जहां भी जाएगी ट्रेन भी वहीं जाएगी। यह तब किया जाता है जब 2 लाइनें अलग-अलग दिशाओं में जा रही हों।

पहले काम मैनुअली होता था : जहां पटरियों की इंटरलॉकिंग की जाती है, वह जगह प्वाइंट कहलाती है। पहले इसके लिए एक प्वाइंटमैन या ट्रैकमैन नियुक्त किया जाता था, जो यह काम हाथ से करता था। इसके लिए स्टेशन से थोड़ा पहले जहां से निर्देश दिए जाते थे, केबिन बनाए गए थे। आज भी कुछ बड़े स्टेशनों से पहले आपको पीले रंग के केबिन दिख जाएंगे जिनके केबिन पर दिशा लिखी होती है। हालांकि अब यह काम नई तकनीक से किया जाता है। इंटरलॉकिंग की जगह पर एक छोटी मशीन लगाई जाती है, जो कंट्रोल रूम में बैठे व्यक्ति के कहने पर पटरी को एक तरफ से दूसरी पटरी से चिपका देती है.