Vande Bharat vs Rajdhani Express : आजकल आप हर किसी के मुंह पर एक नाम चढ़ता देख रहे होंगे और वो है वंदे भारत ट्रेन, जो अपनी सर्वसुविधा युक्त हाई टेकनीक और स्पीड के लिए चर्चित है, लेकिन इसका मतलब क्या ये मान लिया जाए की भारत की पहली प्रीमियम ट्रेन यानि राजधानी एक्सप्रेस के दिन अब खत्म हो गए हैं और वंदे भारत को प्राथमिकता दी जा रही है,तो आईए समझते हैं जब दो हाई स्पीड ट्रेन चलती हैं तो क्या होता है?
कितनी दूरी तय करती है दोनों ट्रेन?
यदि हम वंदे भारत की बात करें तो ये सबसे लंबी दूरी 800किमी( वाराणसी से दिल्ली) की दूरी तय करती है। वहीं यदि हम राजधानी की बात करें तो ये स्लीपर ट्रेन है और देश के 24 बड़े शहरों को दिल्ली से जोड़ती है और अभी 48 ट्रेन चलाई जा रही हैं।
राजधानी और वंदे भारत ट्रेन की अधिकतम स्पीड 160 किमी है और ये औसतन 100-120 की स्पीड से चलती हैं। फिर किस ट्रेन को प्राथमिकता?
यदि प्राथमिकता की बात की जाए तो ऐसा नहीं है कि वंदे भारत को पहले चलाया जाएगा और राजधानी को बाद में। ये नियम रेलवे की नियमावली के अनुसार तय होते हैं, जैसे यदि दो ट्रेन एक साथ एक ही ट्रैक पर आ जाएं तो कौनसी ट्रेन आगे बढ़ेगी इसके अपने नियम है-
यदि दो ट्रेन एक ही ट्रैक पर रुकी हों
- यदि दो ट्रेनें एक ही रूट पर चल रहीं हैं और एक साथ, एक ही ट्रैक पर रुकती हैं तो कौनसी ट्रेन आगे बढ़ेगी इसका नियम है।
- मान लीजिए दोनों ट्रेन एक साथ रुकी हैं और वंदे भारत का स्टॉप स्टेशन (मान लीजिए दिल्ली) पहले पड़ता है और राजधानी का स्टॉप स्टेशन ज्यादा दूरी पर है, तो पहले वंदे भारत को आगे बढ़ाया जाएगा।
- इस नियम का तर्क ये है कि जिस ट्रेन का स्टॉप पहले है, वो लेट नहीं होना चाहिए दूसरी तो अपना समय कवर कर ही सकती है।
यदि दोनों ट्रेनों का स्टॉप (गंतव्य) एक ही हो
- दोनों ट्रेनों का गंतव्य समय एक ही हो पहले तो ये किसी भी तरह संभव नहीं है क्योंकि ऐसा होता नहीं है लेकिन यदि ऐसा होता है तो जो ट्रेन अपने निर्धारित समय से चल रही है पहले उसे ही हरी झंडी दी जाएगी।
- ये लोको पायलट नहीं कंट्रोल पैनल तय करता है।