Hindenburg Research : हिंडनबर्ग ने एक बार फिर रिपोर्ट जारी कर देश में हलचल मचा दी है। इस बार रिपोर्ट सेबी प्रमुख माधवी बुच और उनके पति धवल बुच के खिलाफ जारी की गई है। हिंडनबर्ग ने शनिवार रात एक रिपोर्ट जारी कर सेबी प्रमुख माधवी बुच और उनके पति धवल बुच पर कथित अडानी घोटाले से जुड़े होने का आरोप लगाया है।
इस आरोप में बताया गया कि माधवी बुच और उनके पति की एक ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी जिसमें गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी का बड़ा निवेश था। आइए आज जानते हैं हिंडनबर्ग के बारे में, यह कैसे काम करता है और इसके पीछे किसका दिमाग है।
हिंडनबर्ग रिसर्च का मालिक कौन है
साल 2017 में नाथन एंडरसन नाम के शख्स ने हिंडनबर्ग फर्म की नींव रखी थी। अमेरिका की कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाले नाथन ने एंबुलेंस ड्राइवर के तौर पर अपना करियर शुरू किया था। बाद में एंडरसन ने फैक्ट सेट रिसर्च सिस्टम नाम से डेटा फर्म शुरू की। इसके बाद वे निवेश प्रबंधन कंपनियों के साथ काम करते रहे। हिंडनबर्ग ने कई कंपनियों के बारे में ऐसे ही खुलासे किए हैं।
क्या है हिटलर कनेक्शन?
हिंडनबर्ग एक अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म है। कंपनी के नाम के पीछे एक कहानी है, जो वर्ष 1937 में जर्मनी में हिटलर के शासन से जुड़ी हुई थी। उस समय जर्मनी ने एक कमर्शियल पैसेंजर प्लेन बनाया और उसका नाम ‘हिंडनबर्ग एयरशिप’ रखा। 6 मई 1937 को इस प्लेन ने जर्मनी से अमेरिका के लिए उड़ान भरी। प्लेन में जोरदार धमाका हुआ। महज 30 सेकंड के अंदर ही प्लेन आग का गोला बन गया और कई लोगों की जान चली गई। इस हादसे से हिंडनबर्ग कंपनी का नाम जुड़ा।
क्या करती है हिंडनबर्ग कंपनी?
वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग शेयर बाजार में हो रही धोखाधड़ी और अनियमितताओं पर नजर रखती है। हिंडनबर्ग का दावा है कि वह व्हिसलब्लोअर की तरह काम करती है और कंपनियों के अंदर चल रही वित्तीय अनियमितताओं और गड़बड़ियों को उजागर करती है। कंपनी का दावा है कि वह अपने खुलासे के जरिए बाजार के निवेशकों की रक्षा करती है।