भारत का नाम ‘INDIA’ रखने का विरोध करने लगे थे मोहम्मद अली जिन्ना? जानें – वजह….

डेस्क : राजधानी दिल्ली में G20 सम्मेलन को लेकर सभी तैयारी में लगे हैं। इसी बीच देश के नाम बदलने को लेकर राजनीति तेज है। इस पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपने बयान से पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की एंट्री करवा दी है। थरूर ने कहा कि जिन्ना को भी इंडिया नाम से आपत्ति थी। भाजपा सीएए की तहत इस मुद्दे में भी जिन्ना की विचारों के विचारों पर चल रही है।

शशि थरूर ने कहा कि यह मामला उस घटना की याद दिलाता है जब मोहम्मद अली जिन्ना ने भारत के नाम का विरोध किया था। CAA की तरह बीजेपी जिन्ना के विचारों का भी समर्थन करती रही है। शशि थरूर का यह बयान ऐसे समय आया है जब केंद्र सरकार ने उन आरोपों को खारिज कर दिया है कि वह इंडिया बनाम इंडिया विवाद के बीच देश का नाम बदलना चाहती है।

2015 की घटना का भी जिक्र किया गया

शशि थरूर ने एक न्यूज आर्टिकल के जरिए साल 2015 की एक और घटना भी शेयर की है, जब एक जनहित याचिका के जरिए देश का नाम इंडिया से बदलकर सिर्फ भारत करने की मांग की गई थी। इस पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 1.1 में बदलाव करके देश का नाम बदलने की कोई जरूरत नहीं है। संविधान के अनुच्छेद 1.1 में देश के आधिकारिक नाम के लिए इंडिया और भारत के उपयोग का उल्लेख है।

शशि थरूर ने और क्या कहा?

इस आर्टिकल को शेयर करते हुए शशि थरूर ने कहा, ‘किसी टिप्पणी की जरूरत नहीं है। इस पर केंद्र सरकार की सहमति से मैं खुश हूं। उन्होंने कहा, ‘संवैधानिक तौर पर भारत को भारत कहे जाने पर कोई आपत्ति नहीं है।

मुझे उम्मीद है कि सरकार इतनी मूर्ख नहीं होगी कि इंडिया नाम, जो कि देश की ब्रांड वैल्यू है, को पूरी तरह से छोड़ दे। हमें दोनों नामों के उपयोग की अनुमति देनी चाहिए, जो इतिहास को पुनर्जीवित करते हैं और पूरी दुनिया में पहचाने जाने वाले नाम हैं।

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