8 साल से अफसरों की ‘उदासीनता’ की भेंट चढ़ रहा अनुमंडलीय अस्पताल

मंझौल: मंझौल रोसड़ा पथ पर एस एच 55 के बगल में अनुमंडल मुख्यालय स्थित निर्माणाधीन बहुमंजिला अनुमंडलीय अस्पताल उद्धारक की बाट जोह रहा है। बताते चलें कि लगभग 8 साल पहले बिहार सरकार तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री चंद्रमोहन राय ने इस अस्पताल का शिलान्यास किया था। स्वास्थ्य विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से अनुमंडलीय अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था लेकिन अर्धनिर्माण होने के बाद से विभागीय लापरवाही से निर्माण कार्य शुरू होकर रुक गया। कुछ महीनों के बाद स्थायी रूप से काम बंद हो गया।

स्थानीय लोगों के मुताबिक धीरे धीरे अर्धनिर्मित भवन के भीतर असमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगने लगा। अब आलम यह हो चुका है अर्धनिर्मित भवन का छरण शुरू हो गया और एकतरफ जहां भीतर में गंदगियों,मल मुत्रों का अंबार लग गया वही दूसरे तरफ से स्थानीय वासियों के द्वारा अतिक्रमन कर लिया गया। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के मांग और लाख कोशिशों के बावजूद निर्माणाधीन अस्पताल के निर्माण कार्य पूरा करने की दिशा में विभाग के द्वारा कोई भी सकारात्मक पहल धरातल पर नहीं देखा जा रहा है।

बताते चलें कि यह अनुमंडलीय अस्पताल उत्तरी बेगूसराय के सबसे बड़े अस्पताल के रूप में बनाने की कोशिश थी। जिसकी आस क्षेत्रवासियों में अब टूटती हुई दिख रही है। मंझौल रेफरल अस्पताल का भवन भी पूर्णरुपेण जर्जर हो चुका है जिसके फलस्वरूप रेफरल अस्पताल किसी तरह पुराने भवन के पीछे नवनिर्मित चिकतसकीय आवास में संचालित हो रहा है। जिससे क्षेत्रवासियों के लिये स्वास्थ्य व्यवस्था की एक बड़ी समस्या खड़ी हो गयी है। इमरजेंसी में लोगों को क्षेत्र में संचालित निजी अस्पताल का सहारा लेना पड़ता है।