डेस्क : अब आसान होंगे जमीन संबंधी काम, दरअसल राज्य में म्यूटेशन, जमीन की मापी, जमाबंदीओं की त्रुटि में सुधार से लेकर भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र पाना अब आसान हो जाएगा अंचलों में सीओ की मनमानी अब नहीं चलेगी. अब तक अंचलाधिकारी जमीन की दाखिल-खारिज के लिए सर्वेसर्वा होते हैं पर अब उन पर नकेल कसने के लिए भूमि सुधार उप समाहर्ताओ को लगा दिया गया है। यह उनके नियंत्री पदाधिकारी होंगे और इमिटेशंस के लंबित म्यूटेशन के लंबित मामले, ढिलाई के लिए दोनों अफसर जिम्मेदार माने जाएंगे।
सीओ पर कसा नकेल राजस्व विभाग ने जमीन संबंधी कामकाज से जुड़े अफसरों के कार्य की ग्रेडिंग एवं उनके मूल्यांकन का काम शुरू कर दिया है. उनसे कामकाज कराने के लिए अफसर को ना सिर्फ जिम्मेदार बनाया गया है बल्कि नंबर देकर उनके काम की ग्रेडिंग भी की जा रही है। काम के मूल्यांकन और ग्रेडिंग के संबंध में सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर सूचित कर दिया गया है. राजस्व विभाग के उच्च अधिकारियों की बैठक में इस बाबत निर्णय लिए गए हैं. विभाग के विशेष सचिव श्यामल किशोर पाठक ने सभी जिलाधिकारियों को भूमि सुधार उप समाहर्ता, अंचलाधिकारी आदि कर्मचारियों की निरंतर मूल्यांकन करने के जिम्मेदारी दी है.
दाखिल-खारिज के निपटारे पर मिलेंगे 50 नंबर अंचलाधिकारी को जमीन की मापी,भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र, पंजी दो,जल निकायों और सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने, दाखिल -खारिज आदि के मामले में काम के अंक दिए जाएंगे. डीसीएलआर उनके नियंत्रित पदाधिकारी होगा। अनुमंडल स्तर पर सीओ की कामकाज की चेकिंग होगी, और सीओ के दाखिल-खारिज के निपटारे पर 50 नंबर भी दिए जाएंगे। उसी प्रकार परिमार्जन पोर्टल के मामले का निपटारा करने पर 20 नंबर दिए जाएंगे,अन्य सभी कार्यों के लिए भी ग्रेडिंग और नंबर देने की व्यवस्था की गई है। अब किसी की मनमानी नहीं चलने वाली है इन कामों से जमीन संबंधी मामले आसान हो जाएंगे।