एक गरीब और गौतम बुद्ध की कहानी! हमेशा दुखी रहने वाले लोग जरूर पढ़ें-

एक समय एक गांव में गौतम बुद्ध आकर शरण लिए हुए थे। काफी लंबा सफर तय करने के बाद बुद्ध थोड़ा आराम कर रहे थे, परन्तु लोग इनसे अपनी समस्या का हल मांगने हमेशा पहुंचे रहते थे, ऐसे में जहां भी वह रुकते वहां लोग लंबी कतार में जमा हो जाते और उनको अपनी समस्या बताते ओर बुध उसका समाधान करते।

उसी गांव में एक सड़क के थोड़ा किनारे पर एक भिखारी बैठा करता वह यह रोज़ देखता की लोग अपने दुख दर्द और अपनी गंभीर से गंभीर रूपी समस्या को लेकर आते है , ओर जब वहां से जाते है तो उनका चेहरा बेहद खिलखिला रहा होता है, वे मुस्कुरा रहे होते है ओर नए जोश के साथ भरे दिखते है। भिखारी के मन में यह विचार आया कि क्यों न वह भी बुध के पास जाए उन्हें अपना हाल कह सुनाये, परंतु वह डरता था इसके बाद एक दिन गहरे चिंतन के बाद वह भिखारी बुध के पास गया।

लोग लंबी लाइन म खड़े रहते ओर एक एक कर अपनी समस्या का समाधान लेकर वहां से चले जाते। ऐसे में गौतम बुद्ध के चेहरे पर सदा मुस्कान रहती,ओर वे हमेशा इसी तरह समस्या का हल बताते। भिखारी भी जब उनके पास पहुंचा तो उन्हें प्रणाम करता हुआ बोला हे भगवन इस जगह पर सारे लोग खुश वह संमृद्ध है, पर मैंने तो ऐसा कुछ नही करा जिससे मेरे को जीवन का दुख झेलना पड़ रहा है। फिर में इतना गरीब और निर्धन व्यक्ति क्यों हूँ।

इस पर बुद्ध बोले तुम गरीब और निर्धन इसलिए हो क्योंकि तुमने आजतक सिर्फ मांगा है, किसी को कुछ दिया नही है। तो वहां खड़े लोग सब हैरान रह गए और सबके मन मे या सवाल उठने लगा कि यह गरीब किसी को क्या दे सकता है?

इस पर गरीब भिखारी ने बोला की भगवान में खुद भीख मांग कर गुज़ारा करता हूँ। भला मैं किसी को क्या दे सकता हूँ?

भगवान बुद्ध थोड़ी देर चुप रहे फिर चुप्पी तोड़कर बोले कि तुम्हारे पास बहुत कुछ है देने को ईश्वर ने तुम्हे बहुत कुछ दिया है बांटने के लिये जिसमें सबसे पहले तुम्हारे यह दो हाथ है जिनसे तुम लोगों की मदद या सेवा के लिए इस्तेमाल कर सकते हो, तुम्हारे पास मुस्कराहट है जिसे देकर तुम दूसरों में नई ऊर्जा का संचार कर सकते हो, मुह से दो मीठी बातें बोल सकते हो।

ईश्वर ने जिसको यह तीन चीज़ें दी है उसको कभी कोई निर्धन ओर दुखी नही कर सकता है। निर्धन होने का विचार तो सिर्फ हमारे मन मे पनपता है , यह एक सिर्फ ब्रहम है जिससे तुम्हे उभरना चाहिए और अपनी ज़िंदगी की नई शुरुआत करनी चाहिए।