पेट और दिमाग की बीमारियों से रहे सतर्क! वरना जिंदगी में चुकाना होगा भारी नुक्सान, ऐसे बचें…

मनुष्य के शरीर में पाचनतंत्र और मानसिक स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़ा हुआ होता है। अगर किसी व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य ख़राब हो तो पाचनतंत्र भी ख़राब रहेगा। जो लोग ज्यादा सोचते विचार करते हैं या फिर गुस्सा ज़्यादा आता है। उनका मानसिक स्वास्थ्य और पाचनतंत्र हमेशा ख़राब रहेगा। इससे गैस बनेगी, पेट ख़राब होगा या पेट फूलेगा ऐसी मुश्किलें बनी रहेंगी।

कई बार बहुत से लोग पेट की समस्या से परेशान होते हैं फिर दिमागी तौर पर भी कमज़ोर हो जाते हैं। यदि पाचनतंत्र ख़राब होगा तो मानसिक स्वास्थ्य ख़राब हो जायेगा वैसे ही मानसिक स्वास्थ्य ख़राब पढ़ने पर पाचनतंत्र भी काम करना बंद कर देता है.

दरअसल, पेट हमारे ऑटोनॉमस सिस्टम से जुड़ा रहता है और यह नर्वस सिस्टम हमारे विचारों से प्रभावित होता है। अगर हम बहुत लम्बे समय तक स्ट्रेस में रह रहे हैं या फिर हमारे दिमाग़ के अंदर बहुत ज्यादा सोच रहे हैं। रात को सोते समय दिमाग में विचार ही विचार चल रहे हैं। इन सबका प्रभाव हमारे पेट पर पढ़ सकता है यह प्रभाव हमारे ऑटोनॉमस नर्वस सिस्टम के ज़रिए।

पेट की समस्या होने के संकेत जानिए

  1. एंग्जाइटी और स्ट्रेस
    जब हम किसी चीज़ के बारे में अधिक सोचते हैं और अपने स्वास्थ्य का ख्याल नही रखते तो पेट के ख़राब होने की मात्रा बढ़ जाति है। पेट ख़राब होने से अजीब सी इरिटेशन भी होती है और कब्ज़ भी हो जाता है।
  2. स्किन की दिक्कत
    यदि आपको पेट की गैस, कब्ज़ जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है तो इससे त्वचा में खुजली और चेहरे पर पिंपल शुरु हो जाते हैं।
  3. ब्लोटिंग और गैस अधिक होना
    पेट में जब समस्या होती है तो बहुत ही बीमारियों का सामना करना पड़ता है। ब्लोटिंग और कब्ज़ के कारण पेट में जलन, उल्टी और डायरिया जैसी बीमारियां पीछा नही छोड़ती
  4. अधिक माइग्रेन होना
    आंतों का सीधा संबंध दिमाग जुड़ा होता है जिससे बहुत सी परेशानियां सामने आती हैं। इसमें माइग्रेन की समस्या सबसे ऊपर होती है और माइग्रेन के साथ उल्टी भी होने लगती हैं। इसलिए आपको अगर स्वस्थ शरीर चाहिए और बीमारियों सी बचना है तो मानसिक और पेट की समस्याओं से दूर रहना चाहिए और अपने पाचनतंत्र को सुधारना चाहिए।