इंडिया टीम की हमेशा नीली जर्सी ही क्यों होती है ? आज जानें मतलब

डेस्क : सीमित ओवरों के क्रिकेट में रंगीन वर्दी की शुरुआत को 30 साल से अधिक समय बीत चुका है। इतने वर्षों के बाद भी, आप भारतीय टीम की जर्सी के प्रमुख रंग को नीला ही पाएंगे, टीम इंडिया को दुनिया भर में ‘मैन इन ब्लू’ के नाम से भी जाना जाता है। कभी आपने सोचा है कि भारतीय टीमें क्रिकेट के मैदान पर नीली जर्सी क्यों पहनती हैं?

हम आपको बता दें कि लिमिटेड मैंस क्रिकेट में रंगीन जर्सी पहनने का चलन 1970 के दशक में वर्ल्ड क्रिकेट सीरीज से शुरू हुआ था। भारतीय क्रिकेट टीम ने 1980 के इस टूर्नामेंट में हल्के नीले और पीले रंग की धारीदार जर्सी में डेब्यू किया था। इस जर्सी पर बीसीसीआई का लोगो और टीम इंडिया का नाम नहीं था, जैसा आज है। 1992 विश्व कप में टीम इंडिया की जर्सी पर पहला भारतीय नाम देखा गया था। उस प्रतियोगिता में हल्के नीले (आकाश नीले) जर्सी के स्थान पर गहरे नीले रंग का प्रयोग किया गया था।

हालांकि, इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि टीम इंडिया ने नीली जर्सी को क्यों चुना। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, 1980 की विश्व सीरीज में, भारतीय टीम ने अपने प्राथमिक रंग के रूप में हल्का नीला और अपने द्वितीयक रंग के रूप में पीला चुना था, तब से लेकर अब तक भारतीय टीमों ने अपनी किट में इस रंग को लगातार पसंद किया है। हालांकि, उस समय भारतीय टीम के ड्रेस पैटर्न को देखें तो सभी ड्रेस में नीला रंग मुख्य था। वहीं, 2008 तक येलो जर्सी भी भारत की टीम के साथ जुड़ी रही।