Indian Railway : क्या जानते है आप PNR नंबर के बारे में.. ये बात जान लीजिए बहुत काम आएगा..

डेस्क : पैसेंजर नेम रिकॉर्ड (PNR) नंबर, जो एक Online टिकट के टॉप सेंटर पर या एक ऑफलाइन टिकट के टॉप लेफ्ट की ओर होता, IRCTC द्वारा तब जनरेट होता है जब कोई यात्री पूरे भारत में यात्रा के लिए ट्रेन टिकट बुक करता है. यह एक अद्वितीय 10-अंकों की संख्या है जो पुष्टि करती है कि यात्री का टिकट आरक्षित कर दिया गया है. इसी वैध टिकट के साथ वह अपने गंतव्य स्टेशन पर जा सकता है.

ट्रेन में चढ़ते ही हर यात्री की उसके PNR नंबर से पहचान हो जाती है. नंबर में आपकी यात्रा के बारे में सारी जानकारी दी गयी होती है, जिसमें यह भी शामिल होता है कि आपका टिकट कन्फर्म है या प्रतीक्षा सूची में है या आरक्षित श्रेणी सीटिंग (RCL) है.

ट्रिप खत्म होते ही PNR की वैलिडिटी खत्म हो जाती है. एक बार जब ट्रेन अंतिम स्टेशन पर पहुंच जाती है, तो PNR शून्य हो जाता है और इसे दूसरी यात्रा के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. सिस्टम द्वारा स्वचालित रूप से हटाए जाने से पहले इंडियन रेलवे द्वारा उत्पन्न PNR नंबर को कम से कम 9 महीने तक फ़ाइल में रखा जाता है।

पीएनआर 110 अंकीय कोड होता है जिसमें रेलयात्री की पूरी जानकारी यात्रा से संबंधित जानकारी सभी निहित होती है सीट कंफर्म है या नहीं यह भी यह भी उसी में सम्मिलित होता है