ध्वस्त हुआ Twin Tower, तमाम सुरक्षा पहलुओं को ध्यान में रख कर हुआ ब्लास्ट

नोएडा के सेक्टर 93A में आसमान को छूने वाले Twin Tower अब केवल इतिहास में सीमित रह गए हैं। एक धमाके से दोनों इमारत धराशाही हो गए। जिसके बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ एक दशक तक चले लंबे संघर्ष को जीत मिल गई। इस जीत का सैकड़ों फ्लैट खरीदार लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। बटन दबाते हुए इमारत में लगाए गए विस्फोटकों में धमाका हुआ और टावर ‘पानी के झरने’ की तरह नीचे गिरे और आसमान में धूल का गुबार छा गया

टावर्स को 15 सेकंड से भी कम समय में ‘वाटरफॉल इम्प्लोजन’ तकनीक से ध्वस्त कर दिया गया। हालांकि इसमें किसी को नुकसान होने की कोई खबर नहीं है। अभी आसमान में जो धूल है इसके हटने के बाद आसपास की इमारतों की जांच होगी और यह देखा जाएगा कि क्या कहीं नुकसान भी हुआ है। मालूम हो अगल बगल की इमारतों को खाली करवा दिया गया था। यहां तक कि सड़कें भी पूरी तरह बंद थीं और लॉकडाउन के बाद पहली बार इस तरह का सन्नाटा इलाके में देखा गया। नोएडा एक्सप्रेस-वे पर भी यातायात रोक दिया गया था।

एक चरण का काम खत्म ट्विन टावर को गिराए जाने भी अभी संघर्ष बाकी है। कहा जा सकता है की इन्हें गिराने के बाद एक चरण का ही काम पूरा हुआ है। Twin Tower के गिरने के बाद लगभग 80 हजार टन मलबा निकलेगा, जिसकी साफ सफाई में नहीं भी तो कम से कम 3 महीने का समय लगेगा। पूरे इलाके में धूल की एक मोटी परत जम गई है, जिन्हें युद्धस्तर पर साफ किया जाएगा।