राजस्थान में एक गांव स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण और विद्यालय की एक शिक्षिका के बीच बड़ी बहस छिड़ गई। आपको बता दें कि कार्यक्रम के दौरान स्टेज पर लगाई गई फोटो में मां सरस्वती की तस्वीर नहीं थी। इस पर स्कूल के कुछ शिक्षकों और ग्रामीणों ने एतराज जताया।
मां सरवस्ती नहीं हैं विद्या की देवी
हालांकि उस अध्यापिका ने किसी की भी बात नहीं सुनी। जब इस मामले की जानकारी वहां के ग्रामीणों को लगी तो वह स्कूल में इकट्ठा हो गए। ग्रामीण लोगों ने मां सरस्वती की तस्वीर स्टेज पर रखने की बात उस अध्यापिका से कहीं। मगर उस अध्यापिका ने यह कह कर उनकी बात टाल दी की विद्या की देवी मां सरस्वती नहीं बल्कि सावित्री बाई फुले है। इस वजह से उनकी तस्वीर को वहां रखा गया है। बहुत देर तक यह कहा सुनी चली। इसके बाद गांव के सरपंच और भाजपा के उच्चाधिकारियों को इस बात से अवगत कराया गया।
हेमलता नामक शिक्षिका ?
देवी सरस्वती पूजन निषेध | ग्रामीणों का विरोध
विद्या के आलय में विद्यादात्री माँ सरस्वती का ही पूजन व प्रार्थना अवरुद्ध क्यों ?
माँ सरस्वती पर अनर्गल टिप्पणी।
छात्र और अभिभावक भड़के।
बाइट बाँरा हाड़ौती संभाग राजस्थान की।
मा0 शिक्षामंत्री राजस्थान… pic.twitter.com/Xb2gcMRVcA
— Yogendra Singh (@YogiSM4Bharat) January 27, 2024
मामले की होगी जांच
इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी पीयूष शर्मा ने बात करते हुए कहा। इस पूरे मामले की जानकारी शुक्रवार को मिली है। कमेटी बिठाकर मामले की जांच की जाएगी। सोशल मीडिया पर भी इस घटना की वीडियो जमकर वायरल हो रही है।