Dhruv Jurel : पिता करगिल के हीरो..मां का गहना गिरवी, जानें- टेस्ट डेब्यु करने वाले ध्रुव जुरेल की कहानी….

Dhruv Jurel : भारतीय टीम में कई ऐसे क्रिकेटर हैं जो अपने जीवन में संघर्ष करके भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक ऐसा खिलाड़ी सामने आया है जिसके पिता करगिल के हीरो हैं। उन्होंने अपना जीवन देश की सुरक्षा में बिताया। आज जब उनका बेटा भारतीय टीम में है, तो उनके खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इस क्रिकेटर का नाम ध्रुव जुरेल है। जुरेल को क्रिकेट किट दिलाने के लिए पैसे नहीं थे तो मां ने अपने गहने बेच दिए। तभी आज ये बेटा भारत के लिए डेब्यू कर पाया। आइए जानते हैं कैसे बना कारगिल हीरो का बेटा क्रिकेटर।

पिता चाहते थे कि ध्रुव जुरेल बने सैनिक

ध्रुव जुरेल के पिता चाहते थे कि उनका बेटा भी एनडीए की परीक्षा दे और उन्हीं की तरह भारतीय सेना में बड़ा अधिकारी बनकर देश की सेवा करे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। आगरा के 23 वर्षीय क्रिकेटर ध्रुव जुरेल ने गुरुवार को राजकोट में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में डेब्यू किया। पिछले कुछ मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाले केएस भरत की जगह टीम प्रबंधन ने उन्हें मौका देने का फैसला किया।

ध्रुव के पिता नेम सिंह भारतीय सेना में कार्यरत थे और हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वह इसे सपना सच होने जैसा मानते हैं और ध्रुव का समर्थन करने वाले सभी लोगों के आभारी हैं। नेम चाहते थे कि ध्रुव राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में शामिल हों। लेकिन ध्रुव अपने दिशा में चल रहे थें। और उनके पिता ने उनके कौशल को विकसित करने के लिए कोच परवेंद्र यादव की मदद ली।

पापा को आज भी याद है कि कैसे मां ने गहना गिरवी रख दिया था गहना

उनके पिता उनके क्रिकेट सपनों का समर्थन करने के लिए किए गए बलिदानों को याद करते हैं। ध्रुव की पहली क्रिकेट किट खरीदने के लिए उनकी मां ने अपनी एकमात्र सोने की चेन भी गिरवी रख दी थी। आर्थिक स्थिति अनुकूल नहीं थी, लेकिन ध्रुव दृढ़ निश्चयी रहे और कड़ी मेहनत करते रहे। आज उस मेहनत का नतीजा दिख रहा है।