पीएम मोदी ने 26/11 हमले में चमत्कारिक रूप से बचे इजराइली बच्चे मोशे को लिखा खत

26/11 मुंबई आतंकी हमले में मौत के मुंह से निकले इजराइली बच्चे मोशे के बार मित्सवा समारोह के मौके पर पीएम मोदी ने मोशे को भावात्मक खत लिखा है । खत में पीएम ने कहा कि कि उसकी कहानी ‘चमत्कार’ जैसी है और वो सभी को ‘प्रेरित’ करती है । मोशे को लिखे खत में पीएम मोदी ने कहा,’आप इस महत्वपूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं। और अपने जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार कर रहे हैं।

26/11 आतंकी हमले में मौत के मुंह से निकले के बार मित्सवा समारोह पर पीएम मोदी का भावात्मक खत

प्रिय मोशे
सलोन और भारत की ओर से नमस्ते
तुम्हारे “बार मिट्ज़वाह” की खबर सुनकर बहुत खुश हूं.

जैसा कि तुम जीवन के महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर रहे हो, सांड्रा का साहस और भारत वासियों की ओर से तुम्हारे स्वस्थ और सफल जीवन के लिए खूब सारी शुभकामनाएं.

तुम्हारा जीवन सभी को प्रेरणा देता रहेगा. यह चमत्कार है और उम्मीद है कि हादसे और अपूरणीय क्षति से तो उबर रहे होगे.

मुंबई में हुए 26 11 के हमले के साजिशकर्ता हॉट डरपोक आतंकी पूरी तरह से असफल हुए वह हमारी बहुआयामी विविधता को ना तो हरा पाए और ना ही हमारे आगे बढ़ने की क्षमता और जोश को रोक सकते हैं.

आज भारत और इजराइल और भी ज्यादा मजबूती और दृढ़ निश्चय के साथ आतंकवाद और घृणा के खिलाफ एक साथ खड़े हैं.

जेरूसलम में हुई तुम्हारे साथ गर्मजोशी भरी मुलाकात मुझे याद है उस समय प्राइम मिनिस्टर नेतनयाहू भी वहां मौजूद थे. मुझे उम्मीद है कि तुम एक दिन मुंबई के चवाड हाउस में जरूर लौट कर आओगे और ऐसा जरूर होगा.

शुभकामनाएं के साथ
नरेंद्र मोदी

गौरतलब है कि जुलाई 2017 में अपनी इजराइल की यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने मोशे से मुलाकात भी की थी तब मौशे ने अपने पूरे परिवार के साथ जेरूसलम में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी. मोशे वही बच्चा है जो 26 /11 के आतंकी हमले के समय मुंबई के चवाड हाउस में अपने माता पिता के साथ फस गया था. उस आतंकी हमले में आतंकवादियों ने चवाड हाउस में मोशे के माता पिता की भी हत्या कर दी थी. लेकिन 2 साल की मोशे की जान उसकी आया सैंड्रा ने अपनी जान पर खेलकर बचा ली थी.

उसके बाद से मोशे अपने दादा -दादी के पास इजराइल के शहर अफूला वापस लौट गए थे. मोशे अब 13 साल के हो चुके हैं. 13 साल की उम्र में ही जुईस संस्कार के मुताबिक “बार मिट्ज़वाह” की रसम होती है जो कि जीवन के नए चरण में प्रवेश की द्योतक है.