पटना यूनिवर्सिटी की अंग्रेजी की खुली पोल,IAS अधिकारी के ट्वीट करते ही मचा बवाल

बिहार की शिक्षा व्यवस्था से आप सभी वाकिफ होंगे। देशभर में अगर कोई सबसे शिक्षा व्यवस्था के मामले में पिछड़ा राज्य आता है तो बिहार उसमें टॉप पर है। यूं तो आईआईटी से लेकर यूपीएससी तक की परीक्षा में बिहार के सैकड़ों छात्र सफल होते हैं। इसके अलावा सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं में शीर्ष स्थानों पर बिहार के लोगों ने अपना दबदबा बनाया है। बावजूद इसके यहां की शिक्षा व्यवस्था चरमराती रही है।

बिहार के ही एक आईएएस अधिकारी ने पटना यूनिवर्सिटी के केमिस्ट्री डिपार्टमेंट द्वारा जारी किया गया एक सर्कुलर अपने टि्वटर हैंडल पर शेयर करते हुए इसकी अंग्रेजी की गलतियों को चिन्हित किया है। सोशल मीडिया पर उनका यह पोस्ट काफी वायरल हो रहा है।दरअसल पटना यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी किया गया सर्कुलर इंग्लिश में है लेकिन इसमें अंग्रेजी के वाक्य और शब्दों में कई सारे ग़लतियां है। अब लोग इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था कितनी लचर हो चुकी है। कैसे प्रोफेसर है जो इंग्लिश में सर्कुलर तक सही से नहीं लिख सकते।

यह गलतियों से भरा सर्कुलर 10 जून को एचओडी डॉ बिना रानी की तरफ से जारी किया गया। इसमें पटना यूनिवर्सिटी के रिसर्च के स्टूडेंट को हर रोज अपना अटेंडेंस रजिस्टर्ड कराने को कहा गया है। यदि किसी दिन में अपना अटेंडेंस दर्ज नहीं कराते हैं तो उस दिन उन्हें अनुपस्थित माना जाएगा।आईएएस अधिकारी संजय कुमार ने अपने ट्विटर अकाउंट से इस गलतियों वाले सर्कुलर को पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा कि यह पटना विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष द्वारा ज़ारी किया गया एक नोटिस है। इस सर्कुलर में इस्तेमाल किया गया व्याकरण और वाक्य विन्यास एक प्रोफेसर के लिए शर्मनाक है। यह चाहे अक्षमता हो या लापरवाही हमारी शिक्षा व्यवस्था को खुलेआम दर्शाता है।

इस ट्वीट में उन्होंने बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के अलावा शिक्षा विभाग और अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह को टैग किया है। हालांकि ट्वीट के वाइरल होते ही यूनिवर्सिटी के केमिस्ट्री डिपार्टमेंट की तरफ़ से पुराने नोटिस को हटा दिया गया है। एक नया नोटिस जारी कर बताया गया है कि पुराने नोटिस में typo/clerical गलतियां होने की वजह से उसे हटा दिया गया है।