अब चीन की चालाकियों पर लगेगी लगाम! जूते- चप्पल की बिक्री हेतु लागू हुए नए नियम….

डेस्क: ऐसा कहा जाता है कि इंसान की पहचान उसके जूतों से होती है। आजकल लोग अच्छे जूते-चप्पल पहनना पसंद करते हैं। अगर जूते-चप्पल गुणवत्तापूर्ण नहीं हैं तो इसका असर शरीर पर ही पड़ता है। ऐसे में सरकार खराब क्वालिटी की तस्वीरों पर रोक लगाने जा रही है।

जुलाई 2023 से देश में कम गुणवत्ता वाले फुटवेयर के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। सरकार ने फुटवियर इकाइयों को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मानदंडों के अनुपालन में गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) लागू करने का आदेश दिया है।

1 जुलाई से जूते-चप्पल के नए नियम

सरकार ने फुटवेयर कंपनियों को गुणवत्ता नियंत्रण आदेश का पालन करने की सलाह दी है। इसके लिए मानक पेश किए गए हैं। नए नियम में फुटवेयर निर्माण के लिए टेस्टिंग लेबोरेटरी, बीआईएस लाइसेंस और आईएसआई मार्क के नियमों का पालन करना जरूरी है।

सरकार ने 1 जुलाई से सभी फुटवियर कंपनियों के लिए QCO अनिवार्य कर दिया है। बाद में 1 जनवरी 2024 से छोटे स्तर के फुटवेयर निर्माताओं को भी इसका पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) से न केवल फुटवेयर उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि घटिया उत्पादों के आयात पर अंकुश लगाने में भी मदद मिलेगी।

खराब क्वालिटी पर लगेगा रोक

सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि फुटवेयर उत्पादों के बड़े और मध्यम स्तर के निर्माताओं और सभी आयातकों को 1 जुलाई से अनिवार्य गुणवत्ता मानकों का पालन करना होगा। नए नियम की मदद से सरकार चीन से आने वाले खराब गुणवत्ता वाले फुटवेयर उत्पादों पर प्रतिबंध लगाना चाहती है। अगर चीन को भारत में अपना सामान बेचना है तो उसे मानक का पालन करना होगा।