गर्व! 21 साल की उम्र में गांव को लिया गोद, बीटेक करके IAS और जजों को सिखाते हैं मैनेजमेंट..

Success Story : देश के कई सफल युवाओं की कहानियां लोगों को प्रेरित करती हैं। इसी कड़ी में एक नाम नवीन कृष्ण राय का है। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के बीरपुर निवासी नवीन कृष्ण राय आईआईएम इंदौर में मैनेजर, गवर्नमेंट अफेयर्स के पद पर कार्यरत हैं। यह आईएएस और आईपीएस रैंक के अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करता है। आइए आज जानते हैं उनकी सफलता के पीछे का कारण।

नवीन के पिता सेना में हवलदार थे। जिनकी नवीन के जन्म से तीन महीने पहले ही मृत्यु हो गई थी। ऐसे में नवीन का पालन-पोषण उनकी मां ने किया। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। लेकिन जवाहर नवोदय विद्यालय, प्रयागराज में प्रवेश मिलने के कारण उन्हें 12वीं कक्षा तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकी। इसके बाद उन्होंने मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर से बीटेक किया।

बी.टेक की पढ़ाई के दौरान ही उनकी रुचि सामाजिक कार्यों में होने लगी। वर्ष 2015 में गोरखपुर के तत्कालीन डीएम आईएएस रंजन कुमार के मार्गदर्शन में उन्होंने गोरखपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के लिए ग्रामीण युवा नेतृत्व कार्यक्रम चलाया।

इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं में नेतृत्व क्षमता का विकास करना था। इस दौरान नवीन ने गोरखपुर के तत्कालीन कमिश्नर पी गुरुप्रसाद के साथ मिलकर खोराबार ब्लॉक के मोतीराम अड्डा गांव को गोद लिया। उन्होंने इस गांव में लोगों को सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया।

नवीन के पास मैनेजमेंट विषय में कोई डिग्री नहीं है। लेकिन इस विषय पर उनकी पकड़ इतनी अद्भुत है कि उन्हें विभिन्न राज्यों के अर्धसैनिक बलों, पुलिस, प्रशासनिक और न्यायिक सेवा प्रशिक्षण अकादमियों में अधिकारियों और न्यायाधीशों को प्रबंधन विषयों पर प्रशिक्षण देने के लिए बुलाया जाता है।

नवीन अब तक आईआरएस, राज्य पुलिस सेवा, प्रशासनिक सेवा और केंद्रीय रिजर्व बल के हजारों अधिकारियों और न्यायाधीशों को प्रबंधन प्रशिक्षण दे चुके हैं। इसके अलावा वह कई राज्यों की विभिन्न सरकारी समितियों के नामांकित सदस्य भी हैं जहां वह प्रबंधन क्षेत्र से संबंधित सलाह देते हैं।

नवीन ने उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए “सेल्फी के साथ उपस्थिति” कार्यक्रम भी शुरू किया है। वर्ष 2107 में चंदौली जिले के तत्कालीन जिलाधिकारी कुमार प्रशांत के सहयोग से शुरू की गई.

यह पहल जिले के 1500 सरकारी स्कूलों में लागू की गई थी। इस पहल की सफलता को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में लागू किया। सामाजिक कार्यों के प्रति नवीन के दृढ़ संकल्प और साहस को देखते हुए उन्हें नौगढ़ तहसील के विकास के लिए ब्रांड एंबेसडर भी नामित किया गया था।