झुग्गी में रहने वाली मजदूर की बेटी बनी IAS अफसर बनी, जानें – संघर्ष से भरी कहानी…

न्यूज डेस्क: यूपीएससी को देश का सबसे कठिन परीक्षा कहा जाता है। तैयारी में लगे उम्मीदवार इसे क्रैक करने के लिए जी जान लगा देते हैं। परीक्षा को पास वही कर पाता है जो मेहनत करता है। यूपीएससी जात धर्म अमीरी गरीबी सबको पीछे छोड़ केबल मेहनत को आगे बढ़ाता है।

और जो मेहनत करता है वही आईएएस बनता है। आज हम जिस आईएएस ऑफिसर की बात कर रहे हैं। इन्होंने झुग्गी झोपड़ी से निकलकर आईएएस तक का सफर किया है। हम बात कर रहे हैं पूजा नायक की। पूजा नायक एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। पूजा ने अपनी मेहनत और लगन से घर की स्थिति को ही बदल दिया।

राजस्थान के श्रीगंगा रेलवे स्टेशन के नजदीक झुग्गी झोपड़ी में पली-बढ़ी पूजा नायक आज प्रेरणा स्रोत बन कर उभरी है। पूजा नायक अपने जीवन में आए तमाम संघर्ष को भेदते हुए कामयाबी का परचम लहरा दिया। आईएएस पूजा नायक जब 5 वर्ष की थी तब उनके सर से पिता का हाथ उठ गया। घर की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। मां ने मजदूरी कर सभी भाई-बहन को शिक्षित करने का फैसला लिया।

इसके बाद जैसे तैसे घर और पढ़ाई दोनों चलता रहा। पूजा ने मन बनाया कि यूपीएससी की तैयारी करनी चाहिए फिर इन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बन गई। पूरे देश के लिए पूजा नायक आज मिसाल है। फर्श से अर्श तक का सफर इसी को कहते हैं। कोई सोच भी नहीं सकता है कि झुग्गी झोपड़ी में रहकर आईएएस की तैयारी करना संभव भी है लेकिन यहां पूजा नायक तैयारी नहीं बल्कि आईएएस बन भी गई। सब जज्बा का कमाल है। जज्बा और मेहनत हो तो लोग किसी भी कामयाबी को आसानी से हासिल कर सकता है।

इन दिनों पूजा नायक झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को यूपीएससी परीक्षा देने के लिए जागरूक कर रही हैं। उनका यह कदम काफी सराहनीय है। लोग कहते हैं कि जो जहां से आता है वहां को कभी नहीं बोलता। शायद पूजा नायक भी इसी वजह से झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को नहीं भूल कर उन्हें जागरूक कर रही हैं, ताकि वह भी अपनी तकदीर को बदल सके।