जब अपने गांव की पहली दरोगा बनी हेमलता, भाइयों ने कंधे पर बिठाकर घुमाया पूरा गांव..

हेमलता: आज देश में बेटियां हर वो मुकाम हासिल कर रही हैं जो एक बेटा कर सकता है। आज हम आपको एक ऐसी बेटी की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने बिना हिम्मत हारे अपने सपने को सच कर दिखाया। हम बात कर रहे हैं। हेमलता चौधरी उर्फ ​​हेमकाक्षी। जो सरनू गांव चिमनजी की छोटी ढाणी का रहने वाला है। हेमलता ने राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर बनने में सफलता हासिल की है। हेमलता के भाइयों ने उसे अपने कंधों पर बिठाया और घर ले गए।

हेमलता चौधरी ने बताया कि जब वह 8 साल की थी और गांव में पहली बार वर्दी पहने एक पुलिसकर्मी को देखा, तभी हेमलता के दिमाग में पुलिस का दबंग चेहरा बैठ गया। उसी समय हेमलता ने तय किया कि एक दिन वह भी इतनी मजबूत वर्दी पहनेंगी। एक तरफ पुलिस की नौकरी करने की ख्वाहिश तो दूसरी तरफ सामाजिक और पारिवारिक चुनौती। महज 17 साल की उम्र में हेमलता चौधरी के घरवालों ने उनकी शादी करा दी और ससुराल भेज दिया।

हेमलता 21 साल की उम्र में मां भी बनीं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता होने के नाते उन्होंने बच्ची के पालन-पोषण के साथ-साथ पढ़ाई भी जारी रखी। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने महज 100 रुपये की नौकरी की। लगभग 8 वर्षों के लिए 3,500। दोस्तों और रिश्तेदारों से कर्ज लेकर पढ़ाई की। अंत में सफलता मिली है और दोस्तों से लिया हुआ सारा कर्ज चुका दिया गया है।

हेमलता बचपन के सपने को पूरा करने की जिद पर अड़ी रहीं। वहीं 8 साल की उम्र में दबंग खाकी वर्दी पहनने का सपना देखा था। 18 साल बाद उस सपने को पूरा करने के बाद ही उन्होंने अंतिम सांस ली। 2 दिन पहले हेमलता चौधरी थानेदार की 2 स्टार खाकी वर्दी में अपने गांव पहुंची थी। तो हेमलता को देख हर कोई हैरान रह गया। परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। हेमलता ने अपनी मां को पुलिस की टोपी पहनाई। ग्रामीणों ने हेमलता को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया।