गर्व! दोनों पैर नहीं करते काम…एक भी दिन मिस नहीं किया स्कूल, मेहनत के दम पर 12वीं में लाएं 100% मार्क्स…

डेस्क : दुष्यन्त कुमार की लिखी पंक्ति ‘कौन कहता है आसमां में छेद नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों’ का अनुवाद राजस्थान के दौसा के दिव्यांग रवि कुमार मीना ने किया है। रवि कुमार ने साबित कर दिया है कि अगर इंसान चाहे तो कुछ भी हासिल कर सकता है।

रवि दिव्यांग हैं, लेकिन उन्होंने इस दिव्यांगता को कभी अपनी सफलता के आड़े नहीं आने दिया। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान ने शनिवार को दिव्यांग एवं मूकबधिर विद्यार्थियों का 12वीं का परिणाम जारी कर दिया है। इस परीक्षा परिणाम में रवि कुमार मीना ने 12वीं बोर्ड के आर्ट्स सेक्शन में कुछ ऐसा किया है, जिसे देखकर हर कोई हैरान है।

100% अंक प्राप्त किये

दरअसल, शनिवार को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान ने दिव्यांग और मूकबधिर विद्यार्थियों का 12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है। इस परीक्षा परिणाम में दौसा के रवि कुमार मीना ने 12वीं बोर्ड के कला वर्ग में कुछ ऐसा किया है, जिसे देखकर हर कोई हैरान है।

दौसा जिले के गंडरावा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने वाले रवि कुमार मीना ने परीक्षा में 100 फीसदी अंक हासिल किए हैं। रवि ने अनिवार्य हिंदी और अंग्रेजी के साथ-साथ राजनीति विज्ञान, इतिहास और भूगोल विषयों में 100 में से 100 अंक हासिल किए हैं।

कड़ी मेहनत की, फिर परिणाम मिला

दिव्यांग रवि के दोनों पैर काम नहीं करते। भले ही उसके पैर नहीं हैं, लेकिन उसका साहस और जज्बा अद्भुत है। इसी हिम्मत के दम पर रवि रोज स्कूल जाता था। वह स्कूल जाने के लिए अपनी ट्राइसाइकिल का इस्तेमाल करते थे। रवि की पढ़ाई सिर्फ स्कूल तक ही सीमित नहीं रही, इसके अलावा वह हर दिन नियमित रूप से 6 से 8 घंटे पढ़ाई करते रहे।